नई दिल्ली. करतारपुर साहिब कॉरिडोर के बाद अब पाकिस्तान शारदा पीठ कॉरिडोर को खोलने के लिए भी तैयार हो गया है. और इसके लिए सहमति दे दी गयी है. बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गत वर्ष नवंबर में भारत-पाक की दोस्ती की नई कड़ी को जोड़ने वाले नारोवाल जिले के करतारपुर में दरबार साहिब को जोड़ने वाले गलियारे की आधारशिला रखी थी.
करतारपुर साहिब को भारत के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक से जोड़ा जाएगा. इस कॉरिडोर के खुलने से सिख समुदाय के लोग अब पवित्र गुरुद्वारे ननकाना साहिब के दर्शन कर सकेंगे.
करतारपुर के बाद कश्मीरी पंडितों का एक समूह शारदा पीठ को खोलने की मांग कर रहा था। यह एक महत्वपूर्ण मंदिर है जो लाइन ऑफ कंट्रोल में आता है. केवल इतना ही नहीं मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टियां जैसे कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने भी इसे लेकर अपनी आवाज उठा चुकी हैं. यह एक प्राचीन शारदा मंदिर है. जिसे शारदा और शरदा भी कहा जाता है. यह मंदिर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में स्थित है.
शारदा पीठ देवी सरस्वती का प्राचीन मंदिर है जो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में नीलम नदी के किनारे स्थित है. इसके भग्नावशेष भारत-पाक नियंत्रण-रेखा के निकट स्थित है. हालांकि आज के समय में यह परित्यक्त मंदिर की भांति है, लेकिन इस मंदिर का इतिहास गौरवशाली है. यह देवी सती के शक्तिपीठों में से एक है, जिसे कश्मीर पंडित बहुत सम्मान देते हैं. ऐसी मान्यता है कि देवी सती का दाहिना हाथ यहां गिरा था.