अमृतसर. महाकुंभ धमाकों की योजना बनाने वाले बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) के आतंकी लाजर मसीह से पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।

पुलिस के अनुसार, उसने फर्जी आधार कार्ड बनवाकर सिम कार्ड खरीदा और दिल्ली के एक गैंग को पासपोर्ट बनाने के लिए 15 लाख रुपये देने की डील की थी। वह इस पासपोर्ट की मदद से पुर्तगाल भागने की फिराक में था।


BKI आतंकी लाजर मसीह को उत्तर प्रदेश के कौशांबी से गिरफ्तार किया गया। एसटीएफ की पूछताछ में उसने कबूल किया कि ISI ने उसे पासपोर्ट बनवाने और पुर्तगाल में शरण देने का भरोसा दिया था।

एडीजी एसटीएफ अमिताभ ने बताया कि यह गैंग लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के कई सदस्यों के पासपोर्ट भी बनवा चुका है। लाजर ने पासपोर्ट के लिए गैंग को 2.5 लाख रुपये एडवांस में दिए थे और बाकी रकम पासपोर्ट बनने के बाद देने की बात तय हुई थी।


जनवरी में जाना था पासपोर्ट दफ्तर, लेकिन नहीं गया
पुलिस के अनुसार, लाजर को जनवरी में गाज़ियाबाद पासपोर्ट ऑफिस जाना था, लेकिन वह नहीं गया। एसटीएफ के मुताबिक, वह फरार होने के बाद जनवरी तक पंजाब में छिपा रहा और किसी भी हालत में पुर्तगाल जाना चाहता था। इस दौरान ISI ने उस पर महाकुंभ में आतंकी हमला करने का दबाव डाला। उसने गाज़ियाबाद के चंदन नगर के पते वाले फर्जी आधार कार्ड का इस्तेमाल किया।


फर्जी आधार कार्ड से सिम कार्ड भी खरीदा


लाजर मसीह ने पुलिस को बताया कि गुरदासपुर के एक मेडिकल अधिकारी की मदद से उसने अपने आधार कार्ड का पता अमृतसर से बदलकर 55 चंदन नगर, गाज़ियाबाद कर लिया था। इसी आधार कार्ड से उसने नया सिम कार्ड भी खरीदा।


गुरुवार सुबह गिरफ्तार किए गए लाजर मसीह की योजना महाकुंभ के दौरान अराजकता फैलाने और फिर भारत से फरार होने की थी। पुलिस के मुताबिक, 24 सितंबर 2024 को वह पंजाब की न्यायिक हिरासत से फरार हो गया था।


पाकिस्तान से हथियार और नशे की तस्करी का भी कनेक्शन

डीजीपी कुमार ने बताया कि बब्बर खालसा इंटरनेशनल के इस आतंकी की गिरफ्तारी से पाकिस्तान से भारत में हथियार और नशे की तस्करी की पुष्टि हुई है।