रायपुर। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में स्वास्थ्य सुविधाओं का लगातार विस्तार हो रहा है. राज्य सरकार ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बेहतर चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए कई नई योजनाएं लागू की हैं. इससे प्रदेश की आम जनता को अब अधिक सुलभ, किफायती और आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं मिल रही हैं.

स्वास्थ्य सुविधाओं में अहम सुधार

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सत्ता संभालने के बाद से स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता दी है. उनकी सरकार ने प्रदेश में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए बड़े कदम उठाए हैं. सरकारी अस्पतालों का उन्नयन, नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना और अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण इन प्रयासों के प्रमुख भाग हैं.

  1. सरकारी अस्पतालों का आधुनिकीकरण

राज्य सरकार ने जिला और तहसील स्तर के सरकारी अस्पतालों को अपग्रेड करने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किए हैं. इसमें नए उपकरणों की आपूर्ति, विशेषज्ञ डॉक्टरों की भर्ती और डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं की शुरुआत शामिल है.

रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग और अंबिकापुर में प्रमुख सरकारी अस्पतालों में अत्याधुनिक आईसीयू और इमरजेंसी सुविधाओं का विस्तार किया गया है.
ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर बनाने क लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट्स की संख्या बढ़ाई गई है.
ई-हॉस्पिटल प्रणाली को लागू कर सरकारी अस्पतालों में ऑनलाइन अपॉइंटमेंट, टेलीमेडिसिन और डिजिटल मेडिकल रिकॉर्ड की सुविधा शुरू की गई है.

  1. मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना का विस्तार

प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता योजना का विस्तार कर इसे और प्रभावी बनाया है. इस योजना के तहत गरीब और जरूरतमंद मरीजों को निःशुल्क इलाज और दवाओं की सुविधा दी जा रही है.

आयुष्मान भारत योजना के तहत लाभान्वित लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है, जिससे राज्य के लाखों परिवारों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिली है.
निःशुल्क डायग्नोस्टिक सेवा के तहत अब सरकारी अस्पतालों में विभिन्न परीक्षण (टेस्ट) मुफ्त किए जा रहे हैं, जिससे गरीब मरीजों को राहत मिली है.
गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर, हृदय रोग और किडनी फेल्योर के इलाज के लिए विशेष पैकेज दिए जा रहे हैं.

  1. ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती

ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए सरकार ने कई नई योजनाएं शुरू की हैं.

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) में नए डॉक्टरों और नर्सों की नियुक्ति की जा रही है.
टेलीमेडिसिन सेवाएं शुरू की गई हैं, जिससे ग्रामीण इलाकों के लोग विशेषज्ञ डॉक्टरों से वीडियो कॉल के जरिए परामर्श ले सकते हैं.
108 संजीवनी एंबुलेंस सेवा का विस्तार किया गया है, जिससे मरीजों को आपातकालीन स्थिति में त्वरित चिकित्सा सहायता मिल सके.
मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाया गया है, जिससे संस्थागत प्रसव की संख्या बढ़ी है और नवजात शिशुओं की मृत्यु दर में कमी आई है.

  1. मेडिकल शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा

छत्तीसगढ़ सरकार मेडिकल शिक्षा को भी बढ़ावा दे रही है. नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की जा रही है,जिससे मेडिकल कालेजों की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है. पैरामेडिकल और नर्सिंग कॉलेजों को अधिक संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे प्रदेश में प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या बढ़े. चिकित्सा अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के लिए सरकारी संस्थानों को विशेष अनुदान दिया जा रहा है.

छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने राज्य का दूसरा बजट पेश किया, जिसमें स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार को विशेष प्राथमिकता दी गई है। बजट में सरकारी अस्पतालों के आधुनिकीकरण, मेडिकल कॉलेजों की स्थापना, ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती और आयुष्मान योजना के विस्तार के लिए बड़े वित्तीय प्रावधान किए गए हैं। सरकार का उद्देश्य प्रदेश में सुलभ, किफायती और अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराना है, जिससे हर नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।

स्वास्थ्य बजट में बड़ा इजाफा

वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए पिछले वर्ष की तुलना में 25% अधिक बजट आवंटित किया है. यह राशि प्रदेश के सभी जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए उपयोग में लाई जाएगी.

  1. सरकारी अस्पतालों का आधुनिकीकरण और नई सुविधाएं

बजट में राज्य के सरकारी अस्पतालों को आधुनिक बनाने के लिए कई घोषणाएं की गईं, जिनमें प्रमुख हैं:

रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर और अंबिकापुर के प्रमुख सरकारी अस्पतालों में सुपर स्पेशलिटी सुविधाओं की स्थापना.
जिला अस्पतालों में 200 नई ICU और वेंटिलेटर बेड्स जोड़ने की योजना.
डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए ई-हॉस्पिटल प्रणाली का विस्तार.
ऑक्सीजन प्लांट्स और ब्लड बैंक की संख्या बढ़ाने के लिए ₹500 करोड़ का आवंटन.

  1. मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना और आयुष्मान भारत का विस्तार

बजट में गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजनाओं को और मजबूत करने पर जोर दिया गया.
आयुष्मान भारत योजना के तहत अब 10 लाख रुपये तक का निःशुल्क इलाज मिलेगा.
मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता योजना में 5 लाख से अधिक लोगों को जोड़ा जाएगा.
कैंसर, हृदय रोग और किडनी से संबंधित गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए अलग से ₹1,000 करोड़ का कोष बनाया गया.

  1. ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती

गांवों में स्वास्थ्य सुविधाएं सुधारने के लिए बजट में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गईं:

500 नए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) और 50 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) खोलने के लिए ₹1,200 करोड़ का प्रावधान.
मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य केंद्रों का आधुनिकीकरण और संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए ₹700 करोड़ का बजट.
108 संजीवनी एंबुलेंस सेवा के लिए 200 नई एंबुलेंस की खरीद और मौजूदा वाहनों की मरम्मत हेतु ₹300 करोड़.
टेलीमेडिसिन सेवाओं का विस्तार, जिससे दूरदराज के गांवों के लोग विशेषज्ञ डॉक्टरों से ऑनलाइन परामर्श ले सकें.

  1. मेडिकल शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा

बजट में मेडिकल शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में सुधार के लिए भी महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए:

3 नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए ₹2,500 करोड़ का आवंटन.
राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में 500 नए फैकल्टी पदों की भर्ती.
पैरामेडिकल और नर्सिंग कॉलेजों को आधुनिक बनाने के लिए ₹400 करोड़.
मेडिकल अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए ₹1,000 करोड़ का विशेष कोष.

राज्य की जनता को मिल रहा सीधा लाभ

सरकार के इन प्रयासों का असर जमीनी स्तर पर भी दिखने लगा है. आम नागरिकों को अब सरकारी अस्पतालों में बेहतर इलाज, आधुनिक सुविधाएं और निःशुल्क दवाएं मिल रही हैं.

सूरजपुर जिले की सरिता देवी, जो पहले महंगे इलाज के कारण परेशान थीं, ने कहा, “पहले इलाज के लिए बाहर जाना पड़ता था, लेकिन अब जिला अस्पताल में ही सारी सुविधाएं मिल रही हैं. सरकार की योजनाओं से हमें बहुत राहत मिली है.”

इसी तरह, बस्तर के किसान रामलाल ने बताया, “गांव में स्वास्थ्य केंद्र बनने से अब छोटे-मोटे इलाज के लिए शहर नहीं जाना पड़ता. डॉक्टर और दवाएं यहीं मिल जाती हैं.”

आगे की योजनाएं और सरकार की प्रतिबद्धता

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हाल ही में घोषणा की कि आने वाले वर्षों में राज्य में 500 से अधिक नए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 50 नए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाए जाएंगे. इसके अलावा, सरकार टीबी, मलेरिया और कुपोषण जैसी बीमारियों के उन्मूलन के लिए विशेष अभियान चला रही है. सरकार का उद्देश्य है कि छत्तीसगढ़ का हर नागरिक स्वस्थ रहे और सभी को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिलें. इन योजनाओं और सुधारों से यह स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में एक नई ऊंचाई की ओर बढ़ रहा है.