
रायपुर। छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था का मूल आधार कृषि है और राज्य के लाखों किसान अपनी आजीविका के लिए खेती पर निर्भर हैं, लेकिन बिजली की बढ़ती लागत, सिंचाई के साधनों की कमी और खेती में आधुनिक तकनीकों की अनुपलब्धता के कारण किसानों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था. किसानों की इन समस्याओं को हल करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने “कृषक जीवन ज्योति योजना” की शुरुआत की. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में इस योजना ने न केवल किसानों को निःशुल्क और रियायती बिजली प्रदान की, बल्कि कृषि उत्पादन में भी सुधार किया. यह योजना किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है, क्योंकि इससे उनकी उत्पादन लागत कम हुई, उनकी आय में वृद्धि हुई और वे अब आधुनिक तकनीकों का उपयोग करने में सक्षम हो गए हैं.

योजना का उद्देश्य और विशेषताएं
कृषक जीवन ज्योति योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के छोटे और मध्यम किसानों को निःशुल्क और रियायती दरों पर बिजली उपलब्ध कराना है, जिससे वे बेहतर सिंचाई और कृषि कार्य कर सकें.
योजना की मुख्य विशेषताएं:
5 हॉर्स पावर (HP) तक के पंपों को निःशुल्क बिजली – इससे छोटे और सीमांत किसानों को भारी लाभ मिला.
5 HP से अधिक के पंपों के लिए रियायती दरें – इससे बड़े किसानों को भी राहत मिली.
बिजली आपूर्ति की विश्वसनीयता में सुधार – पुराने ट्रांसफार्मरों की मरम्मत और नए ट्रांसफार्मरों की स्थापना.
सौर ऊर्जा पंपों की स्थापना – जिन इलाकों में बिजली नहीं पहुँच पाती थी, वहाँ किसानों को सौर ऊर्जा आधारित पंप उपलब्ध कराए गए.
ऑनलाइन आवेदन और मॉनिटरिंग सिस्टम – किसानों को पारदर्शी और तेज़ सेवाएँ देने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग.

योजना से किसानों को होने वाले लाभ
- सिंचाई की सुविधा बढ़ी
पहले किसानों को सिंचाई के लिए महंगे डीजल पंपों पर निर्भर रहना पड़ता था, जिससे उनकी लागत बहुत बढ़ जाती थी. लेकिन अब मुफ्त बिजली मिलने से वे कम लागत में अधिक सिंचाई कर पा रहे हैं. इससे फसल की उत्पादकता और गुणवत्ता दोनों में सुधार हुआ है.
- किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई
बिजली बिल के खर्च में कमी आने से किसानों को आर्थिक राहत मिली है.. वे अब अपनी बचत को नए कृषि उपकरण खरीदने, आधुनिक तकनीक अपनाने और अपनी भूमि का विस्तार करने में उपयोग कर रहे हैं.
- आधुनिक कृषि तकनीकों का उपयोग बढ़ा
अब किसान बिजली से चलने वाले आधुनिक उपकरणों जैसे ड्रिप इरिगेशन, स्प्रिंकलर सिस्टम और ग्रीनहाउस तकनीक का उपयोग कर रहे हैं, जिससे वे कम पानी में अधिक उत्पादन कर पा रहे हैं.
- जैविक और बहुफसली खेती को बढ़ावा
पिछले कुछ वर्षों में किसानों ने इस योजना का लाभ उठाकर जैविक खेती और बहुफसली प्रणाली को अपनाना शुरू कर दिया है. इससे न केवल उनकी आमदनी बढ़ी है, बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी बनी हुई है.
- किसानों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद
कृषक जीवन ज्योति योजना के कारण अब किसानों को कर्ज लेने की आवश्यकता कम हो गई है और वे स्वावलंबी बन रहे हैं. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक स्थिरता आई है और किसानों का शहरी पलायन भी रुका है.
योजना की सफलता के आंकड़े
सरकारी रिपोर्ट के अनुसार:
अब तक 18 लाख से अधिक किसानों को इस योजना का लाभ मिला है.
राज्य में 85% से अधिक खेतों में बिजली से सिंचाई की जा रही है.
डीजल पंपों का उपयोग 60% तक घटा है, जिससे किसानों की लागत कम हुई और पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिली.
कृषि उत्पादन में 35% की वृद्धि दर्ज की गई है.
सरकार द्वारा समय-समय पर सर्वेक्षण किए गए, जिनमें पाया गया कि योजना से जुड़े 92% किसान संतुष्ट हैं, और उन्होंने सरकार की इस पहल की सराहना की है.
योजना को लेकर किसानों की राय
- छोटे किसान रामलाल वर्मा (राजनांदगांव)
“पहले हमें सिंचाई के लिए डीजल खरीदने में बहुत पैसा खर्च करना पड़ता था, लेकिन अब सरकार की इस योजना से हमें बिजली मुफ्त मिल रही है. हमारी लागत कम हुई और अब हम साल में दो फसल उगा सकते हैं.”
- महिला किसान सुमित्रा देवी (दुर्ग)
“इस योजना से हमें खेती करने में बहुत मदद मिली है. पहले महंगे बिजली बिल और डीजल की वजह से हम अपने खेतों की पूरी सिंचाई नहीं कर पाते थे, लेकिन अब बिना किसी परेशानी के सिंचाई कर पा रहे हैं. सरकार का यह कदम बहुत सराहनीय है.”
- युवा किसान अजय यादव (बिलासपुर)
“कृषक जीवन ज्योति योजना की वजह से मैंने ड्रिप इरिगेशन सिस्टम लगाया है. इससे पानी की बचत हो रही है और फसल भी बेहतर हो रही है. अब मेरी आमदनी पहले से दोगुनी हो गई है.”
सरकार की आगे की योजना
छत्तीसगढ़ सरकार इस योजना को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए नए कदम उठा रही है. मुख्यमंत्री विष्णु देव ने घोषणा की है कि आने वाले समय में:
सभी जिलों में कृषि बिजली फीडरों की संख्या बढ़ाई जाएगी ताकि बिजली कटौती की समस्या न हो.
सोलर पंपों की संख्या दोगुनी की जाएगी ताकि बिजली न होने की स्थिति में भी किसान सिंचाई कर सकें.
योजना का दायरा बढ़ाकर मछली पालन, पशुपालन और बागवानी से जुड़े किसानों को भी शामिल किया जाएगा.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित कृषि प्रबंधन प्रणाली लागू की जाएगी, जिससे किसान बिजली की उपलब्धता की जानकारी पहले से प्राप्त कर सकेंगे.
कृषक जीवन ज्योति योजना छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए आर्थिक रूप से सशक्त बनने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम साबित हो रही है. इस योजना से सिंचाई व्यवस्था मजबूत हुई है, किसानों का उत्पादन बढ़ा है, उनकी लागत घटी है और उनकी आमदनी में बढ़ोतरी हुई है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार की यह पहल अन्य राज्यों के लिए भी एक आदर्श मॉडल बन सकती है. यदि इसी प्रकार योजनाएं प्रभावी ढंग से लागू होती रहीं, तो वह दिन दूर नहीं जब छत्तीसगढ़ का किसान आत्मनिर्भर और समृद्ध होगा और राज्य कृषि के क्षेत्र में एक नई ऊंचाई तक पहुंचेगा.
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