रायपुर। पुलिस जब अपने ही विभाग के कर्मियों को ही न्याय नहीं दिला पाई तो ये सवाल उठना लाजमी है कि छत्तीसगढ़ की राजधानी पुलिस किसी और को न्याय कैसे दिला पाएगी ? राजधानी की पुलिस पर यह सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि सीएएफ के जवान ने पुलिस अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई थी और बदले में उसे सिर्फ आश्वासन ही मिला. अंत में उसका सब्र का बांध टूट पड़ा और कानून के सिपाही को अपने हाथों में कानून को लेना पड़ गया.

लल्लूराम डॉट कॉम उस सिपाही द्वारा की गई हत्या को न्याय पाने के लिए उठाया गया कदम साबित करने का प्रयास नहीं कर रहा है लेकिन उस व्यवस्था की खामियों को सामने लाने का हम जरुर प्रयास कर रहे हैं. जहां एक सिपाही अपनी गाढ़ी कमाई से इकट्ठा की गई समस्त पूंजी 3 लाख एक सेकंड हैंड कार खरीदने में लगा देता है और अगले ही दिन उसे पता चलता है कि उसने जो कार खरीदी थी वह खराब है. उसने व्यापारी सबसे पहले व्यापारी कार शो रुम संचालक संजय अग्रवाल से की थी लेकिन वह गाड़ी मरम्मत करा कर देने के नाम पर टालमटोल करता रहा और न ही वह कार की मरम्मत करवा रहा था और न ही पैसा दे रहा था. जिसके बाद आरोपी मनोज सेन ने राजेन्द्र नगर थाना में पदस्थ अधिकारियों से इसकी शिकायत की थी.

इसका खुलासा खुद हत्या के आरोप में गिरफ्तार किये गए सीएएफ में नाई के पद पर पदस्थ रहे मनोज सेन ने किया. हत्या के बाद मनोज सेन को विभाग ने कार्रवाई करते हुए मंगलवार को नौकरी से बर्खास्त कर दिया था.

आपको बता दें मंगलवार को पचपेड़ी नाका स्थित श्री साईं मोटर्स के संचालक संजय अग्रवाल की शोरुम में उनके केबिन में सीएएफ जवान मनोज सेन ने अपने साढ़ू की राईफल इंसास से गोली मारकर हत्या कर दी थी. हत्या के बाद आरोपी जवान सीधे एसएसपी आरिफ शेख के पास पहुंचा और उनके सामने आत्मसमर्पण कर दिया था.

सुनिये आरोपी कांस्टेबल की जुबानी…हत्या की कहानी

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