नोएडा. जीएसटी विभाग गाजियाबाद में डिप्टी कमिश्नर संजय सिंह ने बीते सोमवार को हाईराइज सोसायटी की 15वीं मंजिल से कूदकर सुसाइड कर लिया. उन्होंने 15वीं मंजिल से छलांग लगाकर जान दे दी. मृतक की पत्नी का कहना है कि पति ने काम के दवाब में आकर मौत का रास्ता चुन लिया. जबकि पुलिस का कहना है कि अधिकारी कैंसर की लास्ट स्टेज पर थे और बीमारी से परेशान होकर सुसाइड कर लिया. इस बीच बड़ा मामला सामने आया है. संजय के सुसाइड करने के बाद 800 से ज्यादा कर्मचारी तनावपूर्ण महौल का हवाला देते हुए स्टेट टैक्स ग्रुप से लेफ्ट हो गए हैं.

जानकारी के मुताबिक इस ग्रुप में करीब 900 अधिकारी जुड़े थे. इसी ग्रुप के जरिए अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए जाते थे. उपायुक्त के खुदकुशी के मामले के बाद से राज्य कर के अधिकारियों के तीन संघों ने तय किया कि मुख्य सचिव से मुलाकात कर उन्हें विभाग की समस्याओं को अवगत कराएंगे. साथ ही उनका कहना है कि कई बार उच्च अधिकारियों से अनुरोध किया गया जा चुका है. लेकिन विभाग की समस्याएं वैसी की वैसी ही हैं. अब अधिकारियों ने काली पट्टी बांधकर काम करने का निर्णय लिया है.

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कैंसर नहीं काम का टेंशन

संजय के परिजनों का कहना है कि उन्हें डिप्रेशन जरूर था लेकिन विभाग में जिस तरह काम का अतिरिक्त भार डाला जा रहा था, ये डिप्रेशन उस वजह से था. वहीं अभी भी विभाग की स्थिति जस की तस है. विभाग ने संजय को इस कदर परेशान किया कि उन्होंने मौत को गले लगाना ठीक समझा. वहीं पुलिस की बातों को लेकर परिजनों का कहना है कि ये सब उच्च अधिकारियों को बचाने का तरीका है. वो कैंस से पीड़ित नहीं थे. उन्हें काम का दबाव था.