
Infosys के संस्थापक नारायण मूर्ति (Narayana Murthy) ने भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के दुरुपयोग को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने TiE Con Mumbai 2025 में बोलते हुए कहा कि टेक कंपनियां साधारण सॉफ़्टवेयर को भी AI के रूप में पेश कर रही हैं.

AI का गलत उपयोग
नारायण मूर्ति ने कहा, “भारत में AI शब्द का प्रयोग हर चीज़ के लिए करना एक फैशन बन गया है. मैंने कई साधारण प्रोग्राम्स को AI कहकर बेचे जाते देखा है, जो निराशाजनक है.”
AI की असली परिभाषा समझाई
उन्होंने AI के दो प्रमुख क्षेत्रों – मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग पर जोर दिया.
मशीन लर्निंग: बड़े डेटा सेट्स का उपयोग कर पैटर्न की पहचान करना और भविष्यवाणी करना.
डीप लर्निंग: मानव मस्तिष्क की तरह काम करने वाले न्यूरल नेटवर्क का उपयोग करना, जो बिना किसी पूर्व डेटा के भी निर्णय लेने में सक्षम होते हैं.
उन्होंने कहा कि AI का असली उपयोग तब होता है जब सिस्टम खुद नए फैसले ले सके, न कि केवल पुराने डेटा के आधार पर काम करे.
Infosys का AI फोकस
Infosys छोटे भाषा मॉडल (SLM) विकसित कर रहा है, जो ओपन-सोर्स और कंपनी के डेटा पर आधारित हैं.
फिर चर्चा में ‘70 घंटे काम’ वाला बयान
इससे पहले नारायण मूर्ति ने भारत की कार्य संस्कृति में सुधार के लिए युवाओं को 70 घंटे प्रति सप्ताह काम करने की सलाह दी थी. उन्होंने कहा कि अगर भारत को चीन, जर्मनी और जापान जैसी अर्थव्यवस्थाओं से प्रतिस्पर्धा करनी है, तो ज्यादा काम करना होगा.
उन्होंने कहा
भारत की उत्पादकता दर दुनिया में सबसे कम है.
जापान और जर्मनी ने दूसरे विश्व युद्ध के बाद ज्यादा घंटे काम कर अर्थव्यवस्था को बढ़ाया.
भारत में भ्रष्टाचार और नौकरशाही भी विकास में बाधा हैं.
“मेरी गुजारिश है कि युवा कहें – यह मेरा देश है और मैं इसे आगे ले जाने के लिए 70 घंटे काम करूंगा.”
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