
रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा तथा बीस सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग के लिए 6710 करोड़ 85 लाख रुपये की अनुदान मांगें पारित की हैं. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में यह बजट राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने और सभी नागरिकों तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है.

लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए विभागीय मंत्री “श्याम बिहारी जायसवाल ने सदन में कहा कि बजट में जिला चिकित्सालय गरियाबंद एवं गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही के भवन निर्माण के लिए 4 करोड़ रूपए बजट में प्रावधानित है. साथ ही मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर के जनकपुर में 100 बिस्तर वाले अस्पताल की स्थापना का प्रावधान है, ताकि नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें. इसके साथ ही जांजगीर-चांपा और कबीरधाम जिले में 100 बिस्तर अस्पताल को 220 बिस्तर अस्पताल में उन्नयन करने के साथ 516 पद सृजित किए जाने का प्रावधान किया है. बजट में स्वास्थ्य संस्थानों के सुदृढ़ीकरण हेतु राष्ट्रीय स्तर के संस्थान जैसे-राज्य वैक्सीन भण्डार, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र, ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीच एवं हियरिंग की स्थापना के लिए 20 करोड़ का प्रावधान किया गया है. प्रदेशवासियों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाइयां आसानी से उपलब्ध हो सके इसलिए नवीन जन औषधि केन्द्रों की स्थापना का प्रावधान किया गया है.”
स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रमुख बजटीय प्रावधान
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के क्षेत्र में किए गए प्रमुख प्रावधान किए इस प्रकार से हैं.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के लिए 1,850 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिससे राज्य में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत किया जाएगा. शहीद वीर नारायण सिंह आयुष्मान स्वास्थ्य योजना के तहत प्रदेश के 77 लाख 20 हजार परिवारों को निःशुल्क स्वास्थ्य सुरक्षा योजना प्रदान करने के लिये 1500 करोड़ का प्रावधान किया गया है.जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान करेगा.
आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना में 182 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो गरीब और वंचित परिवारों को स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान करेगा.
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की स्थापना के लिए 132 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिससे राज्य में उन्नत चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होंगी.
छत्तीसगढ़ आपातकालीन चिकित्सा प्रतिक्रिया सेवा योजना में 21 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिससे आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं की प्रतिक्रिया समय में सुधार होगा.
मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना के लिए 13 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिससे ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाई जाएंगी.

राज्य के सिकल सेल रोगियों को निशुल्क दवाइयां, परामर्श और समय पर जांच सुविधा प्रदान की जा सके इसके लिए प्रदेश के प्रत्येक ब्लॉक में सिकल सेल स्क्रीनिंग सेंटर की व्यवस्थाके लिए बजट में 5 करोड़ तथा सियान केयर क्लिनिक योजना हेतु 2 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है. जो सिकल सेल एनीमिया से प्रभावित मरीजों के लिए विशेष चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करेगा.
मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना में 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिससे शहरी गरीब आबादी को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.
चिकित्सा शिक्षा में निवेश
चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण निवेश किया गया है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने व स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत बनाने हेतु व प्रदेश के युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए निर्णय लिए गए हैं. इसी दिशा में 12 नए नर्सिंग महाविद्यालयों की स्थापना की जा रही है, जिससे बड़ी संख्या में युवाओं को नर्सिंग क्षेत्र में प्रशिक्षण और रोजगार मिलेगा. इसके लिए 34 करोड़ का बजट प्रावधान प्रथम चरण में किया गया है. इसके तहत 09 नर्सिंग महाविद्यालय (बलरामपुर, दंतेवाड़ा, पुसौर-रायगढ़, जांजगीर-चांपा, जशपुर, बैकुंठपुर, नवा रायपुर, कुरूद-धमतरी एवं बीजापुर) राज्य योजना के अंतर्गत और 03 नर्सिंग महाविद्यालय (कांकेर, कोरबा, महासमुन्द) केंद्र प्रवर्तित योजना के तहत स्थापित किया जाना है.
बजट में प्रदेश में 06 नए फिजियोथेरेपी महाविद्यालयों (बिलासपुर, दुर्ग, जगदलपुर, जशपुर, मनेन्द्रगढ़, रायगढ़) की स्थापना किये जाने का प्रावधान है. जिससे इस क्षेत्र में दक्ष युवाओं की संख्या बढ़ेगी. इस हेतु चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने तथा शिक्षकों को आधुनिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए रायपुर में ‘‘रीजनल ट्रेनिंग सेंटर‘‘ की स्थापना हेतु निर्णय लिया गया है. हमारे मेडिकल प्रोफेशनल्स को उच्चस्तरीय प्रशिक्षण मिलेगा और प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं और अधिक सशक्त होंगी. इस के लिए 5 नवीन पदों का प्रावधान किया गया है.
प्रदेश के रायगढ़ में चिकित्सा महाविद्यालय एवं संबद्ध चिकित्सालय भवन के विकास कार्य एवं अनुरक्षण हेतु 20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है तथा राजनांदगांव चिकित्सा महाविद्यालय में विद्युतीकरण कार्य हेतु 5 करोड़ का प्रावधान किया गया है, तथा 5 करोड़ का प्रावधान कुनकुरी में चिकित्सा महाविद्यालय बनाने का निर्णय लिया गया है.
बजट में प्रदेश की जनता के लिए उपचार की सुविधा का विस्तार करने के उद्देश्य से चिकित्सा महाविद्यालय, रायपुर स्थित क्षेत्रीय कैंसर संस्थान विभाग व अन्य विभाग हेतु प्रथम चरण में 20 करोड़ रुपये के चिकित्सा उपकरणों की व्यवस्था की जा रही है. साथ ही आधुनिक एवं उच्च कोटि के चिकित्सकीय उपकरण उपलब्ध कराने के क्रम में डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय, रायपुर में एम.आर.आई. मशीन के लिए 15 करोड़ एवं सी.टी. स्कैन मशीन के लिए 13 करोड़ तथा तथा महासमुंद चिकित्सा महाविद्यालय में सी.टी. स्कैन मशीन के लिए 7 करोड़ प्रथम चरण में बजट प्रावधानित किया गया है.
स्वास्थ्य अधोसंरचना का विस्तार
राज्य सरकार स्वास्थ्य अधोसंरचना के विस्तार के लिए भी प्रतिबद्ध है. प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन से 186 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिससे स्वास्थ्य अधोसंरचना को उन्नत किया जाएगा. इसके अलावा 700 बिस्तरीय एकीकृत नवीन अस्पताल भवन का निर्माण किया जाना है. डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय रायपुर परिसर (मेकाहारा) में 231 करोड़ रुपये की लागत से यह अस्पताल बनाया जाएगा, जिससे मरीजों के बढ़ते दबाव को कम किया जा सकेगा. चिरमिरी में 100 बेड जिला चिकित्सालय का उद्घाटन किया गया इस सर्व सुविधायुक्त अस्पताल से स्थानीय जनता को उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जनकपुर में 100 बिस्तरों वाले अस्पताल की स्वीकृति की, यह निर्णय दूरस्थ अंचलों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है. इन सभी प्रयासों के माध्यम से छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के सभी नागरिकों को सुलभ, सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है.
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य स्वास्थ्य क्षेत्र में निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर है. ग्राम पूवर्ती विकासखंड कोंटा, ग्राम भेज्जी जिला सुकमा तथा सिरिमकेला जिला जशपुर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना के लिए 36 पद प्रावधान किए गए हैं. मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए सेंदरी, जिला बिलासपुर में स्थित मानसिक चिकित्सालय को 100 बिस्तर से बढ़ाकर 200 बिस्तर अस्पताल के रूप में उन्नयन किया जाएगा. साथ ही बजट में जगदलपुर और मनेन्द्रगढ़ में दो नए मानसिक चिकित्सालय प्रारंभ किये जाने का प्रावधान है. इसी तरह दंतेवाड़ा के 100 बिस्तर अस्पताल को 220 बिस्तर सिविल अस्पताल के रूप में उन्नयन करने का प्रावधान किया गया है, ताकि यहां के नागरिकों को उच्च गुणवत्ता पूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें.इसके अलावा राज्य में एक नई इंटीग्रेटेड खाद्य एवं औषधि परीक्षण प्रयोगशाला के निर्माण के लिए छत्तीसगढ़ सह एफबीए भवन हेतु भूमि क्रय और भवन निर्माण के लिए 49 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
स्वास्थ्य अभियानों की पहल
राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए विभिन्न अभियानों की भी शुरुआत की है:
“निक्षय-निरामय छत्तीसगढ़”अभियान- इस अभियान में अगले 100 दिनों तक राज्य में टीबी, कुष्ठ और मलेरिया के मरीजों की पहचान की जाएगी और उनका उपचार सुनिश्चित किया जाएगा. योजना में राज्य के वृद्धजनों का भी स्वास्थ्य जांच और उपचार शामिल है इसके तहत मितानिन और स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर टीबी, कुष्ठ एवं मलेरिया से प्रभावित व्यक्तियों की पहचान, जांच और उपचार सुनिश्चित करेंगे. प्रदेश के जनसामान्य को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए, अन्य चिकित्सा पद्धतियों के साथ-साथ आयुष पद्धतियों का निरंतर विकास और विस्तार सुनिश्चित करने के लिए बजट में 517 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. बजट में औषधियों के लिए 25 करोड़ रुपये और चिकित्सा उपकरणों के लिए 6 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है.

छत्तीसगढ़ शासन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के तहत संचालित कार्यालय नियंत्रक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, राज्य में खाद्य एवं औषधि प्रतिष्ठानों द्वारा निर्मित, विक्रित तथा भंडारित खाद्य और औषधि पदार्थों की गुणवत्ता की निगरानी करते हुए जनसामान्य को उच्च गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थ और औषधियाँ प्रदान करने के उद्देश्य से बजट में कुल 102 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
छत्तीसगढ़ राज्य में एकमात्र खाद्य एवं औषधि परीक्षण प्रयोगशाला रायपुर में स्थित है, जिसमें खाद्य और औषधि नमूनों की जांच की क्षमता बढ़ाने के लिए 6 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
डॉ. भीमराव अंबेडकर मेमोरियल अस्पताल रायपुर में एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट के कार्डियोलॉजी विभाग का विस्तार किया जा रहा है. विगत एक वर्ष के प्रयास से यहां कार्डियक बाईपास भी प्रारंभ हो गया है, जिसके विस्तार के लिए 10 करोड़ का बजट रखा गया है.जिससे हृदय रोगियों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी. रायपुर में ए.आर.टी. (आईवीएफ) केंद्र के लिए 10 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिससे बांझपन के उपचार में सहायता मिलेगी. रायपुर मेडिकल कॉलेज के कैंसर एवं अन्य विभागों में स्वास्थ्य उपकरणों की खरीद के लिए 20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिससे उन्नत चिकित्सा उपकरण उपलब्ध होंगे. डॉ. भीमराव अंबेडकर मेमोरियल अस्पताल रायपुर में एमआरआई और सीटी स्कैन मशीनों की खरीद के लिए 35 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिससे निदान सेवाओं में सुधार होगा.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में आगामी वित्तीय वर्ष के लिए 1850 करोड़ का प्रावधान किया गया है. उपरोक्त बजट से वयोवृद्धों के स्वास्थ्य सेवा का सुदृढीकरण किया जाएगा एवं जिला अस्पतालों में वयोवृद्धों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने हेतु कार्य होगा. उन्होंने कहा कि सभी जिला अस्पतालों मे डे-केयर कैंसर सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा, जिससे कैंसर के मरीजों को अपने गृह जिले में इलाज की सुविधा प्राप्त हो सके.
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण , चिकित्सा शिक्षा विभाग तथा बीस सूत्रीय कार्यान्वयन विभाग से संबंधित अनुदान मांगों की चर्चा में विधायकगण सर्वश्री राघवेंद्र सिंह, धर्मजीत सिंह, अटल श्रीवास्तव, पुन्नू लाल मोहले , धरमलाल कौशिक, व्यास कश्यप, राम कुमार यादव एवं रायमुनि भगत शामिल हुए और अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए. बीस सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग अन्तर्गत 4 करोड़ रूपये के बजट का प्रावधान किया गया है. 20 सूत्रीय कार्यक्रम ग्रामीण और शहरी जनता के हित के सूत्र हैं. इस कार्यक्रम में गरीबी, रोजगार, शिक्षा, आवास, स्वास्थ्य, भूमि सुधार, सिंचाई, पेयजल, कमजोर वर्ग का संरक्षण एवं सशक्तिकरण, उपभोक्ता संरक्षण, पर्यावरण, ई-शासन आदि जैसे विभिन्न सामाजिक, आर्थिक पहलुओं को शामिल किया गया है.
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