Rajasthan News: अलवर जिले के नौगांवा थाना क्षेत्र के तेलियाबास बस्ती में पुलिस दबिश के दौरान चारपाई पर सो रही एक महीने की बच्ची की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। ग्रामीण पिछले 13 दिनों से लगातार धरना दे रहे हैं और पूरे थाने के निलंबन की मांग कर रहे हैं।

क्या है पूरा मामला?
2 मार्च की सुबह करीब 6 बजे, ऑनलाइन ठगी के आरोप में पुलिसकर्मियों की एक टीम तेलियाबास बस्ती में रहने वाले इमरान के घर दबिश देने पहुंची। पुलिसकर्मी घर की दीवार कूदकर अंदर घुसे और पूछताछ करने लगे। इसी दौरान इमरान की एक महीने की बेटी अलिसबा, जो अपनी मां रंजीदा के साथ चारपाई पर सो रही थी, पुलिस कार्रवाई की चपेट में आ गई।
कथित तौर पर, एक पुलिसकर्मी चारपाई पर चढ़ा, जिससे उसके जूते के दबाव में अलिसबा की मौत हो गई। जब रंजीदा ने विरोध किया, तो पुलिसकर्मियों ने उसे घसीटकर बाहर फेंक दिया। परिजनों ने जब देखा कि अलिसबा की नाक से खून बह रहा है और उसकी सांसें बंद हो चुकी हैं, तो उन्होंने शोर मचाना शुरू किया, जिसके बाद पुलिसकर्मी मौके से फरार हो गए।
परिजनों का धरना, SHO समेत छह पुलिसकर्मी हटाए गए
परिजन बच्ची को अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद वे अलवर एसपी आवास के बाहर पहुंचे और न्याय की मांग को लेकर धरना दिया। दबाव बढ़ने पर प्रशासन ने नौगांव थाने के SHO अजीत बड़सरा को हटा दिया और पांच पुलिसकर्मियों को लाइनहाजिर कर दिया।
हालांकि, ग्रामीण अब भी पूरे थाना स्टाफ को निलंबित करने की मांग कर रहे हैं और पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, अलिसबा की मां रंजीदा सदमे में हैं और अपने बिस्तर पर बैठकर 13 दिनों से इंसाफ की गुहार लगा रही हैं।
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