Column By- Ashish Tiwari, Resident Editor Contact no : 9425525128

बालूशाही

विधानसभा की कार्यवाही में शामिल होने के पहले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने घर पर चाय की चुस्कियां ले रहे थे कि अचानक ईडी आ धमकी. इधर ईडी की कार्यवाही चल रही थी, उधर विधानसभा उबल रहा था. खूब हंगामा मचा. भारी शोरगुल हुआ. कांग्रेसी विधायकों की आवाज सदन में गूंजती रही. विधायकों ने आक्रोशित नारे लगाए, विरोध की रणनीति बनी और तय हुआ कि ईडी की कार्यवाही के विरोध के लिए भिलाई कूच किया जाए. भिलाई रवाना होने से पहले कांग्रेसी विधायक विधानसभा अध्यक्ष से मिलने पहुंचे. विधानसभा अध्यक्ष सियासत के धुरंधर थे ही. नाराज विधायकों से बातचीत के बीच उन्होंने उन्हें बालूशाही खिलाई. कांग्रेसी विधायकों के विरोध की उग्रता बालूशाही की चाशनी में घुल गई और क्रांति का स्वाद मीठा हो गया. कांग्रेसी विधायकों ने बालूशाही का जमकर स्वाद चखा. अब जरा कल्पना कीजिए उस दृश्य का, जब सदन में गगनभेदी नारे लगे, सदन के बाहर भिलाई कूच की योजना बनी और बीच में बालूशाही का मीठा पड़ाव आ गया. विपक्ष की रणनीति मीठे मोड़ पर थी ही कि नेता प्रतिपक्ष का कमरा एक और नई तस्वीर पेश करने लगा. दरअसल विधानसभा अध्यक्ष के कमरे में जाने के ठीक पहले वहां सरकार के मंत्री रामविचार नेताम और ओ पी चौधरी विपक्ष को मनाने पहुंचे थे. मान मनौव्वल के बीच खूब हंसी ठिठोली हुई. इसका वीडियो बाहर आ गया. नेता प्रतिपक्ष उस दिन छुट्टी पर थे. अगर होते तो शायद तस्वीर कुछ और होती. कम से कम बालूशाही ठुकरा दी जाती और मीठे में सिर्फ नाराजगी परोसी जाती.

हर तस्वीर कुछ कहती है…

विधानसभा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह के बेटे पूर्व सांसद अभिषेक सिंह अचानक होर्डिंग में होली की बधाई देते दिखे, तो कवर्धा में मजीरा बजाते हुए उन्होंने जमकर होली खेली है. अभिषेक टैलेंटेड हैं. जब सांसद थे, तब सधे हुए अंदाज में संसद भवन में मुद्दों को उठाते थे. मगर उनकी राजनीति का एक दौर ऐसा आया कि वह चर्चाओं से बाहर हो गए. अब जब वह होर्डिंग में दिख रहे हैं, तो जाहिर है इसके कुछ राजनीतिक मायने होंगे. यह दूर की कौड़ी भी हो सकती है. देर सबेर उन्हें लेकर कुछ खबर आ जाए तो चौंकिएगा नहीं. क्योंकि हर तस्वीर कुछ कहती है. अभिषेक सिंह की होली सिर्फ रंगों की नहीं, संकेतों की भी रही और राजनीति में हर संकेत के मायने होते हैं.

ईओडब्ल्यू जांच

अभनपुर से शुरू होकर धमतरी के रास्ते पड़ने वाली चाय की गुमटियों में हो रही चर्चा भर को सुन लेंगे तो भारतमाला प्रोजेक्ट में हुई गड़बड़ी का आधा केस सॉल्व हो जाएगा. चाय की दुकान पर डेटा एनालिटिक्स का कोई सॉफ्टवेयर नहीं होता, मगर चाय की दुकान पर आने वाले किसान, नेता, ठेकेदार और अफसरों की बातचीत ही पूरी एक्सेल शीट होती है. कब, किसने, कैसे और कितनी कमाई अवैध ढंग से की है, यह लगभग हर किसी को मालूम होता है. अब सरकार ने भारतमाला प्रोजेक्ट में हुई गड़बड़ी की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपने का फैसला किया है. ईओडब्ल्यू चीफ अमरेश मिश्रा है भी खुर्राट अफसर. उनकी जांच आगे बढ़ेगी, तब मालूम चलेगा कि फलाने भाजपा नेता ने कितने करोड़ मुआवजे में बटोरे, तो फलाने कांग्रेसी नेता की कितनी जेब भारी हुई. दबे कदम कितने ब्यूरोक्रेट ने औने-पौने दाम पर जमीन खरीदकर मुआवजे में करोड़ों डकार लिए. जांच में इसकी कलई तो खुलेगी ही, बस सामने आने वाले नामों पर कार्रवाई की हरी झंडी सरकार दे दे. भारतमाला प्रोजेक्ट की गड़बड़ी सिर्फ जमीन को कई टुकड़ों में दिखाकर मुआवजा बटोर लेने भर की नहीं है. उससे कहीं ज्यादा की है. देखते हैं, जांच की आंच कहां तक पहुंचती है.

विस्तार

साय सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सुगबुगाहट फिर से तेज हो गई है. अब सरकार के पास ऐसा कोई प्रयोजन शेष नहीं है, जिसकी वजह से विस्तार टाल दिया जाए. अबकी बार चर्चा बड़ी मजबूत है. सुना गया है कि नवरात्रि में मंत्रिमंडल विस्तार को हरी झंडी मिल जाएगी. मुमकिन हुआ, तो नवरात्रि पर्व के दौरान ही नए मंत्रियों का शपथ ग्रहण कर दिया जाए. 30 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दौरा हो रहा है. मोदी के जाते-जाते ही यदि नए मंत्रियों के नाम सामने आ जाए, तो कोई बड़ी बात नहीं. मानकर चलिए कि अप्रैल के पहले हफ्ते में ही साय सरकार में तीन नए मंत्री शामिल हो सकते हैं.

शुभ-अशुभ फल

ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह का सबसे खास महत्व है. शनि न्याय का ग्रह है. कुंडली में शनि की स्थिति के आधार पर ही शुभ-अशुभ फल प्राप्त होते हैं. कई-कई मौकों पर सरकार शनि ग्रह से कम नहीं होती. शनि की तरह न्याय कारक ग्रह बन जाती है. पिछले कुछ महीनों में सरकार ने कलेक्टर-एसपी के कामकाज पर कड़ी निगरानी रखी है. कई कलेक्टर-एसपी हैं, जिनके नाम के आगे रेड फ्लैग लगा दिया गया है. ज्योतिषी गणना के मुताबिक शनि अपने ही नक्षत्र में प्रवेश करने जा रहा है. राज्य में चुनाव खत्म हो चुके हैं. नतीजे आ गए हैं. राष्ट्रपति के दौरे के साथ ही विधानसभा का बजट सत्र 24 मार्च को खत्म हो जाएगा. 30 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी का दौरा हो जाएगा. 1 अप्रैल से सरकार अपने पूरे आभामंडल में आ जाएगी. तब कुछ कलेक्टर और एसपी को शुभ-अशुभ फल की प्राप्ति होगी. कर्म के आधार पर सरकार न्याय कारक ग्रह बनकर अफसरों की दशा तय करेगी. तब तक ऐसे जातक यज्ञ-हवन कर अपने बिगड़े ग्रह ठीक कर सकते हैं. जिनकी स्थिति ज्यादा खराब है वह त्र्यम्बकेश्वर जाकर कालसर्प दोष निवारण, त्रिपिंडी श्राद्ध, नारायण नागबली पूजा और रुद्राभिषेक करा सकते हैं.