Rajasthan News: राजस्थान में अनुसूचित जनजाति (ST) के 3.2 लाख छात्रों को पिछले चार वर्षों (2021-22 से 2024-25) के दौरान प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति नहीं मिल पाई है। यह जानकारी लोकसभा में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा दिए गए जवाब में सामने आई है। छात्रवृत्तियों में इस देरी को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।

छात्रवृत्ति की राशि जारी न होने की वजह

जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार ने 2023-24 में ST छात्रों के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति की राशि जारी नहीं की क्योंकि राजस्थान सरकार द्वारा नोडल खाते में पहले से अप्रयुक्त धन के उपयोग का प्रमाणपत्र (यूसी) जमा नहीं किया गया था। यह जानकारी सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने 11 मार्च को सांसद भजनलाल जाटव के एक प्रश्न के जवाब में दी।

सचिन पायलट ने सरकार को घेरा

इस मामले पर कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भाजपा सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा, “भारत सरकार ने खुलासा किया है कि राजस्थान में अनुसूचित जनजाति (एसटी) के छात्रों के लिए 3.2 लाख छात्रवृत्ति आवेदन लंबित हैं। वर्ष 2023-24 में राज्य सरकार द्वारा पूर्व में उपलब्ध अनुदान का उपयोग प्रमाणपत्र नहीं देने की वजह से केंद्र सरकार ने छात्रवृत्ति की राशि जारी नहीं की।”

उन्होंने आगे कहा, “यह भाजपा सरकार की शिक्षा के प्रति असंवेदनशीलता और एसटी छात्रों के भविष्य के प्रति लापरवाही का प्रमाण है। सरकार को तुरंत इन त्रुटियों को दूर कर छात्रों को उनकी सहायता राशि दिलानी चाहिए।”

अब तक जारी की गई राशि

  • प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत 2022-23 में ₹35.30 करोड़ और 2024-25 में (5 मार्च 2025 तक) ₹22.36 करोड़ जारी किए गए।
  • पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत 2022-23 में ₹188.10 करोड़, 2023-24 में ₹220 करोड़, और 2024-25 में (5 मार्च 2025 तक) ₹350 करोड़ जारी किए गए।

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