कुंदन कुमार/पटना: राजधानी पटना के दानापुर में घरवालों ने छात्रा को 11वीं में साइंस स्ट्रीम नहीं लेने दी. एक प्रतिभाशाली छात्रा खुशबू को 10वीं में 399/500 अंक मिले, लेकिन परिवार और सामाजिक दबाव के कारण उसे विज्ञान की जगह कला विषय पढ़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था, लेकिन शिक्षा मंत्री ने फोन किया और छात्रा खुशबू से बात की. दरअसल, कक्षा 11वीं की छात्रा खुशबू के माता-पिता ने उसे साइंस की जगह आर्ट्स स्ट्रीम लेने के लिए मजबूर कर दिया. शिक्षा मंत्री ने फोन पर खुशबू को आश्वासन दिया और जल्द ही उसकी साइंस स्ट्रीम में एडमिशन की प्रक्रिया पूरी करवाई जाएगी. 

खुशबू को आया अनपेक्षित कॉल 

बिहार की कक्षा 11वीं की छात्रा खुशबू को रविवार को एक अनपेक्षित कॉल आया. यह कॉल किसी और का नहीं, बल्कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का था. कुछ दिन पहले एक मीडिया रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि खुशबू के माता-पिता ने उसे साइंस की जगह आर्ट्स स्ट्रीम लेने के लिए मजबूर कर दिया था, जबकि उसके भाइयों को साइंस पढ़ने की अनुमति थी. 

शिक्षा मंत्री ने दिया आश्वासन

शिक्षा मंत्री ने फोन पर खुशबू को आश्वासन दिया कि उन्होंने दानापुर जिले के जिलाधिकारी से बात कर ली है और जल्द ही उसकी साइंस स्ट्रीम में एडमिशन की प्रक्रिया पूरी करवाई जाएगी. प्रधान ने फोन पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यह सुनिश्चित करेंगे कि तुम्हें अपनी पसंद के विषय पढ़ने का मौका मिले. मैंने जिलाधिकारी से बात कर ली है, वे तुम्हारा एडमिशन करवा देंगे. तुम NEET की तैयारी शुरू करो और डॉक्टर बनने का अपना सपना पूरा करो.

पढ़ाई का रास्ता हो गया साफ 

इससे पहले खुशबू ने एक इंटरव्यू में रोते हुए अपनी तकलीफ बया की थी, उसने बताया कि उसके माता-पिता ने सिर्फ इसलिए उसे साइंस स्ट्रीम लेने से रोक दिया, क्योंकि उसने कक्षा 10 में 500 में से 399 अंक प्राप्त किए थे, जबकि उनके अनुसार उसे कम से कम 400 अंक लाने चाहिए थे. खुशबू ने कहा था कि लड़कियों के साथ बहुत भेदभाव होता है. मेरे भाइयों को साइंस पढ़ने की इजाजत है, लेकिन मुझे सिर्फ एक नंबर कम आने की वजह से यह अवसर नहीं दिया गया. अब केंद्रीय मंत्री के हस्तक्षेप के बाद खुशबू के लिए साइंस स्ट्रीम में पढ़ाई का रास्ता साफ हो गया है. 

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