
रायपुर। विधानसभा में मंगलवार को ध्यानाकर्षण काल में पीएचई विभाग में उप अभियंताओं की भर्ती का मामला उठा. भाजपा विधायक राजेश मूणत के साथ नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने ध्यानाकर्षण लाते हुए कहा कि सिविल इंजिनियरिंग करने वाले डिप्लोमाधारी योग्य, लेकिन डिग्रीधारी योग्य नहीं हैं.
भाजपा विधायक राजेश मूणत ने कहा कि ज्यादा पढ़ने वाले अयोग्य, और कम पढ़ने वाले कैसे योग्य हो जाते हैं. पीडब्ल्यूडी की भर्ती में ये योग्य हो जाते हैं, लेकिन पीएचई की भर्ती में अयोग्य हो जाएंगे. इसमें नियमों का परीक्षण किया या नहीं. 2017 में आपके विभाग ने ही डिग्रीधारी को सब इंजीनियर बनाया था, आज क्यों नहीं?
इस पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बताया कि प्रदेश में 30 से अधिक पॉलिटेक्निक कॉलेज हैं, जिनसे हर साल 8 हजार युवा पढ़कर निकलते हैं. सबके लिए अलग-अलग भर्ती नियम और व्यवस्था है. 1977 से यही भर्ती नियम चला आ रहा है.
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला, निर्देश मानेंगे या नहीं मानेंगे. इस पर उप मुख्यमंत्री साव ने कहा कि इस प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट का फैसला लागू नहीं होता. कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने कहा कि उप अभियंता (एई ) के 75 प्रतिशत पोस्ट पदोन्नति के होते हैं. आज जो डिप्लोमा वाले भर्ती होंगे, भविष्य में एई नही बन पाएंगे, क्योंकि डिग्री धारी होना जरूरी है. व्यवस्था बिगड़ जाएगी.