शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में मंडला नक्सली एनकाउंटर के मुद्दे पर चर्चा हुई। कांग्रेस ने पुलिस की भूमिका पर संदेह जताते हुए मामले की जांच की मांग की। साथ ही कहा कि मजिस्ट्रियल जांच से काम नहीं चलेगा, इसमे एक रिटायर्ड जज को भी शामिल किया जाए। वहीं नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने अनुकंपा नियुक्ति के साथ 1 करोड़ रुपये देने की मांग की है। इस पर मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कहा कि जांच में अगर हिरन बैगा नक्सली समर्थक नहीं पाया गया तो अनुकंपा नियुक्ति के साथ एक करोड़ रुपए भी दिए जाएंगे।

मंडला नक्सली एनकाउंटर की गूंज

मंगलवार को एमपी विधानसभा बजट सत्र का छठवां दिन रहा। सदन में कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया के मंडला एनकाउंटर मामले पर ध्यानाकर्षण पर चर्चा हुई। विक्रात भूरिया ने कहा कि आदिवासियों पर अत्याचार लगातार बढ़ते जा रहे है। मुठभेड़ में पुलिस की भूमिका संदेह के घेरे में है। इस मामले की जांच नहीं कराई जो गलत है। इस पर मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने जवाब देते हुए कहा कि हॉक फोर्स ने आत्मसमर्पण के लिए आवाज लगाई, लेकिन नक्सलियों ने फायरिंग कर दी। इसके बाद जवाबी कार्रवाई में जवानों ने फायरिंग कर दी। पुलिस की कार्रवाई संदेही नहीं है।

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मंत्री बोले- मजिस्ट्रियल जांच कर रहे है

मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कहा कि इस मामले में मंडला कलेक्टर मजिस्ट्रियल जांच कर रहे है। इस पर विक्रांत भूरिया ने कहा कि मजिस्ट्रियल जांच से काम नहीं चलेगा। इसके अंदर एक रिटायर्ड जज को भी शामिल किया जाए, जिससे जांच सही हो सके। सदन में मंत्री नरेंद्र ने कहा कि हिरन बैगा नक्सली समर्थक थे। आईजी ने कहा था कि हिरन बैगा नक्सली थे। विक्रांत भूरिया ने कहा कि मामले में दो अलग अलग बयान दिए गए।

नेता प्रतिपक्ष ने एक करोड़ और नौकरी की मांग की, मंत्री पटेल ने कही ये बात

नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कहा कि मुठभेड़ के समय करीब 150 गोलियां चल गई, यानी उस तरफ करीब 15 लोग होंगे। हिरन बैगा के परिजनों को 10 लाख रुपए का मुआवजा दिया गया। इस पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि 10 लाख से काम नहीं चलेगा। 1 करोड़ मुआवजा दिया जाए और साथ में अनुकंपा नियुक्ति भी मिलना चाहिए। उमंग सिंघार की मांग पर मंत्री नरेंद्र शिवाजी ने कहा कि जांच में अगर हिरन बैगा नक्सली समर्थक नहीं पाया गया तो अनुकंपा नियुक्ति के साथ एक करोड़ रुपए भी दिए जाएंगे।

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कांग्रेस ने किया वॉक आउट

उमंग सिंघार ने कहा कि किस हैसियत से 10 लाख रुपए दिए गए ? क्यों कि मंत्रीजी उसे नक्सली मान नहीं रहे और अभी मंत्रीजी नक्सली समर्थक की जांच की बात कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस विधायकों ने हिरन बैगा को न्याय दिलाने के नारे लगाए और सदन से वॉक आउट कर दिया।

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