
मैनपुरी. मैनपुरी कोर्ट ने 5 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है. 2 अलग मामलों में 5 दोषियों को फांसी की सजा दी गई है. जिसमें पहला मामला दिहुली नरसंहार से जुड़ा है. इसमें 3 दोषियों को फांसी और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है. जसराना क्षेत्र के दिहुली गांव में नरसंहार हुआ था. जिसमें कप्तान सिंह, रामसेवक, रामपाल दोषी पाए गए हैं.
बता दें कि 18 नवंबर 1981 की शाम फिरोजाबाद जिले के दिहुली गांव में 17 हथियारबंद डकैतों ने गोलीबारी कर दी थी. जिसमें 23 लोगों की मौके पर ही मौत हुई थी. वहीं 1 व्यक्ति ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था. घटना के बाद स्थानीय निवासी लैइक सिंह की तहरीर पर मामला दर्ज किया गया था. जब जांच हुई तो मामले में कुल 17 लोगों को आरोपी बनाया गया. इनमें से 13 आरोपियों की मुकदमा चलने के दौरान ही मौत होग गई. जबकि एक आरोपी अब भी फरार है. बचे तीन आरोपियों को मंगलवार को अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है.
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इंदिरा गांधी ने की थी पीड़ितों से मुलाकात
हत्याकांड के बाद, तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की थी, जबकि विपक्ष के नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने दिहुली से सादुपुर (फिरोजाबाद) तक पैदल यात्रा कर पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की थी. घटना के चार दशक बाद
हत्या मामले में दो को फांसी
वहीं दूसरा मामला करहल में हत्या का है. इसमें प्रेमिका और प्रेमी को फांसी की सजा सुनाई गई है. 6 मई 2024 को करहल में नरेंद्र नाम के युवक की हत्या कर दी गई थी. जिसमें महिला मनु और अभय नाम के शख्स को अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है.
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