
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को शिवसेना(यूबीटी) के विधान पार्षद अनिल परब पर परोक्ष रूप से टिप्पणी करते हुए मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को लेकर चल रहे विवाद पर अपनी राय व्यक्त की. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को लेकर चल रहे विवाद पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन को अपनी धरती पर दफनाने की अनुमति नहीं दी थी. उन्होंने यह भी बताया कि लादेन के शव को किसी प्रकार के महिमामंडन से बचने के लिए समुद्र में फेंक दिया गया था.इस टिप्पणी के बाद राज्य विधान परिषद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच तीखी बहस हुई. नागपुर में हाल ही में हुई हिंसा के संदर्भ में शिंदे ने औरंगजेब के महिमामंडन पर सवाल उठाए.
विधान परिषद में सत्तारूढ़ और विपक्षी सदस्यों के बीच तीखी बहस के दौरान एकनाथ शिंदे ने शिवसेना (UBT) के एमएलसी अनिल परब पर कटाक्ष किया. नागपुर हिंसा पर चर्चा करते हुए, शिंदे ने मुगल सम्राट औरंगजेब के महिमामंडन पर सवाल उठाया, जिनकी कब्र दक्षिणपंथी संगठनों के लिए विवाद का कारण बन गई है, और वे इसे हटाने की मांग कर रहे हैं.
‘संभाजीराजे को इस्लाम धर्म…’
उपमुख्यमंत्री ने अपने भाषण में प्रश्न उठाया कि “औरंगजेब कौन है?” और यह भी कहा कि हमें अपने राज्य में उसके महिमामंडन की अनुमति क्यों देनी चाहिए, क्योंकि वह हमारे इतिहास में एक कलंक है. उन्होंने यह भी बताया कि मुगल सम्राट ने मराठा राजा छत्रपति संभाजीराजे को इस्लाम स्वीकार करने का प्रस्ताव दिया था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें बर्बरता से प्रताड़ित किया गया और अंततः उनकी हत्या कर दी गई.
एकनाथ शिंदे ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल की उस टिप्पणी की निंदा की, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के शासन की तुलना औरंगजेब के शासन से की थी. शिंदे ने यह पूछते हुए अपनी आपत्ति जताई, “क्या फडणवीस ने कभी किसी को उस प्रकार से प्रताड़ित किया, जैसा कि औरंगजेब ने अपने विरोधियों के साथ किया था?”
क्या कहा औरंगजेब ने अपनी वसीयत में?
छह पीढ़ियों से औरंगजेब की समाधि की देखभाल कर रहे अफरोज अहमद का कहना है कि औरंगजेब ने अपने पुत्र आजम शाह को यह निर्देश दिया था कि उसकी कब्र सूफी संत हजरत जैनुद्दीन शिराज़ी की दरगाह के परिसर में कच्ची मिट्टी से बनाई जाए.
उन्होंने उल्लेख किया कि औरंगजेब ने निर्देश दिया था कि उसकी कब्र पर किसी प्रकार का गुम्बद या इमारत न बनाई जाए, बल्कि उसे गरीबों की कब्र की तरह, खुली और कच्ची अवस्था में रखा जाए. आज भी उसकी कच्ची कब्र खुले आसमान के नीचे स्थित है, जिसके कारण बरसात के मौसम में यह कब्र भीग जाती है.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक