
रायपुर. छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक आज सदन में पारित हुआ. वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने विनियोग विधेयक पर हुई चर्चा के जवाब में कहा कि सुशासन की वजह से हम गरीब कल्याण की योजनाओं को आगे बढ़ाने में सफल हो पा रहे हैं. धान ख़रीदी, महतारी वंदन योजना, पीएम आवास योजना, भूमिहीन कृषक मजदूरों को देने वाली राशि की वजह से तीस हजार करोड़ का अतिरिक्त भार सरकार पर बढ़ा है. इसके बाद भी हमारी सरकार सुशासन के बूते सभी लक्ष्य पूरे कर रही है. पिछली सरकार के गड्ढों को पाटने में हमें GATI के इस बजट में 12 हजार करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च करने पड़ रहे हैं.
ओपी चौधरी ने कहा, 3 अप्रैल 2021 को सुकमा और बीजापुर के बॉर्डर पर 22 जवान शहीद हो गए थे, उस दिन टीवी पर माओवादी हमले में जवानों की शहादत की न्यूज चल रही थी और असम के गुवाहाटी में भूपेश बघेल हंसते हुए रोड शो कर रहे थे. आज नक्सलवाद पर कठोर प्रहार हो रहा है. आज ही 22 माओवादियों के शव प्राप्त हुए हैं. यह संख्या 30 तक पहुंच सकती है. इस तरह के राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप के बीच मैं कहना चाहता हूं कि इससे माओवादियों के खिलाफ हमारे संघर्ष पर दुष्प्रभाव पड़ता है. ये वो लोग हैं, जो सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मांगते थे.
आदिवासी विरोधी है कांग्रेस : ओपी चौधरी
चौधरी ने कहा, आज एक आदिवासी बेटे को राज्य ने मुख्यमंत्री के रूप में पाया है तो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सहन नहीं होता. आजादी के बाद 56 सालों के इतिहास में कांग्रेस ने किसी आदिवासी को देश में सर्वोच्च पद पर नहीं बिठाया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मौका मिलता है तो पहले दलित को और बाद में आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनाते हैं. इटली की महारानी ने राष्ट्रपति को पुअर लेडी कहकर अपमानित किया है. इससे साफ तौर पर झलकता है कि आदिवासी महिला का अपमान कांग्रेस कैसे करती है. इनकी नेता देश के सर्वोच्च पद पर बैठी आदिवासी राष्ट्रपति को पुअर लेडी कहती हैं.

‘छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाएंगे’
वित्त मंत्री ने कहा, आज नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में अग्रसर हैं, उसी दिशा में छत्तीसगढ़ भी आगे बढ़ रहा है. अपनी आजादी के बाद साउथ कोरिया के लोग डेवलपमेंट देखने भारत आए थे. उनका जनसंख्या घनत्व भारत देश से भी ज्यादा है. आजादी के वक्त भारत से भी ख़राब स्थिति थी. उनकी लीडरशिप मजबूत थी. वहाँ पार्क नाम का प्रेसिडेंट हुआ, जिसने विजन के साथ काम किया. 1945 के बाद से अब तक साउथ कोरिया की अर्थव्यवस्था एक लाख गुना बढ़ गई है. देश और दुनिया में साउथ कोरिया जैसे उदाहरण हैं. आज से 20-30 साल बाद जब भारत के विकसित राष्ट्र का ऐलान किया जाएगा तब कोरोना काल में नरेंद्र मोदी की उठाए गए कदम को याद किया जाएगा.
‘1970 में कांग्रेस ने गरीबी हटाओ का नारा दिया था पर गरीबी नहीं हटी’
ओपी चौधरी ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014-2024 तक देश की अर्थव्यवथा ने छलांग लगाई है. 2004 में भारत दसवें नंबर पर था. आज भारत की अर्थव्यवस्था पांचवे नंबर पर आ गया है. प्रधानमंत्री ने ऐलान किया है कि तीसरे कार्यकाल में यह अर्थव्यवस्था तीसरे नंबर पर आ जाएगी. विजन डाक्यूमेंट बनाकर हम आगे बढ़ रहे हैं. जब तक लक्ष्य तय नहीं होगा हम विकास नहीं कर सकते. अमित शाह के नेतृत्व में जब यह निर्णय लिया जाता है कि देश से नक्सलवाद खत्म करना है तो भाजपा की सरकार तारीख़ भी तय करती है. 1970 में कांग्रेस ने ग़रीबी हटाओ का नारा दिया था. गरीबी हटी नहीं. गुजरात मॉडल का जवाब देश की जनता लगातार देती आई है. देश ने नरेंद्र मोदी पर तीन बार भरोसा दिखाया है. गुजरात में 27 साल की सरकार के बाद भी जब चुनाव होता है तब जनता भाजपा को चुनती है. कांग्रेस को केवल 17 सीटें मिली हैं.
कांग्रेस के गरीब विरोधी होने का बड़ा उदाहरण आवास योजना : ओपी चौधरी
चौधरी ने कहा, नरेंद्र मोदी को जनता ने लगातार 24 सालों तक चुना है. कांग्रेस के ग़रीब विरोधी होने का बड़ा उदाहरण आवास योजना है, जिसे लगातार पांच साल तक सरकार में रहते हुए कांग्रेस ने छिन रखा था. 2002 से 2015 तक कुल पांच लाख 39 हज़ार इंदिरा आवास बनाया गया था. आज दो तीन सालों में हम 18 लाख आवास बनाने जा रहे हैं. गरीबों से आवास छीनने वाले लोगों को आज सच्चाई सुनने की हिम्मत रखनी चाहिए. 2011 के आर्थिक सर्वेक्षण की सूची में 6 लाख 99 हज़ार मकान स्वीकृत थे. जो अपूर्ण आवास थे उसमें 2 लाख 46 आवास थे. मुख्यमंत्री आवास के नाम पर शुरू की गई योजना में 47 हज़ार 90 आवास की एक किस्त ही दी थी. इन सबको जोड़ दें तो 18 लाख से ज्यादा आवास होते हैं. जब हम विपक्ष में थे तब हमने 18 लाख आवास बनाने का संकल्प लिया था. सरकार बनते ही पहली कैबिनेट की बैठक में आवास बनाने का पहला फैसला लिया गया था.
‘कांग्रेस ने महिलाओं को 502 देने का वादा किया पर एक रुपए नहीं दिया’
वित्त मंत्री चौधरी ने आगे कहा, हमने एक साल में ही किसानों को धान खरीदी की अंतर की राशि 13 हजार करोड़ रुपए किसानों के खाते में डाल दिया है. इस साल धान खरीदी के अंतर की राशि हमने किसानों को भेज दिया है. सवा साल के कार्यकाल में किसानों के खाते में एक लाख करोड़ रुपए अंतरित करने का काम किया है. महतारी वंदन योजना की बात होती है तब विपक्ष के लोग तरह तरह की बात करते हैं. 2018 के जन घोषणा पत्र में महिलाओं को पांच सौ रुपए देने का वादा किया था, लेकिन पांच साल की सरकार में पांच रुपए भी कांग्रेस ने नहीं दिया. महतारी वंदन योजना के तहत हम 70 लाख माताओं के खातों में राशि भेज रहे हैं. माताओं को जिन्होंने पाँच रुपए तक नहीं दिया उन्हें सवाल उठाने का नैतिक अधिकार भी नहीं है.
‘पूरे देश में बेस्ट थ्री परफार्मिंग स्टेट में छत्तीसगढ़ शामिल’
चौधरी ने कहा, आज भारत के युवाओं की माँग पूरी दुनिया में बढ़ रही है. जर्मन चांसलर ने प्रधानमंत्री के साथ बैठक में कहा है कि एक लाख भारतीय की ज़रूरत जर्मनी में है. छत्तीसगढ़ में युवाओं को बेहतर अवसर मिले, इसके प्रावधान इस बजट में किए गए हैं. युवाओं के स्किल डेवलप के लिए बजट में सौ करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. सरकारी नौकरी में पिछली सरकार ने जितनी भर्ती की है उससे कहीं ज्यादा भर्ती हमारी सरकार करने वाली है. गरीब, गुवा, अन्नदाता के सपने को साकार करना है तो आर्थिक नीति की जरूरत है. हमने गति की अवधारणा पर इस बजट को फोकस किया है. तीव्र आर्थिक विकास होगा, बेहतर गवर्नेंस होगा तो रिवेन्यू अपने आप बढ़ेगा. जीएसटी ग्रोथ की दृष्टि से पूरे देश में बेस्ट थ्री परफार्मिंग स्टेट में छत्तीसगढ़ शामिल है.
‘पिछली सरकार ने बेरोजगारी भत्ते के नाम पर युवाओं से किया धोखा’
वित्त मंत्री ने कहा, सुशासन की वजह से हम गरीब कल्याण की योजनाओं को आगे बढ़ाने में सफल हो पा रहे हैं. धान ख़रीदी, महतारी वंदन योजना, पीएम आवास योजना, भूमिहीन कृषक मजदूरो को देने वाली राशि की वजह से तीस हज़ार करोड़ का अतिरिक्त भार सरकार पर बढ़ा है. इसके बाद भी हमारी सरकार सुशासन के बुते सभी लक्ष्य पूरे कर रही है. पिछली सरकार के गड्ढों को पाटने में हमें इस बजट में 12 हजार करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च करने पड़ रहे हैं. पिछली सरकार ने बेरोजगारी भत्ते के नाम पर युवाओं से धोखा किया. जन घोषणा पत्र में कहा था कि दस लाख युवाओं को 25 सौ रुपए देंगे. पाँच सालों में 12 हज़ार करोड़ का बजटीय प्रावधान होता है, लेकिन पाँच सालों में बेरोजगारी भत्ते के नाम पर केवल 250 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था.
‘धान खरीदी पर कांग्रेस सरकार ने सदन को किया गुमराह’
चौधरी ने कहा, पूर्व मुख्यमंत्री ने धान खरीदी पर सदन को गुमराह किया है. केंद्रीय पूल के चावल का कोटा 2018-19 में 28 लाख मीट्रिक टन था. 2022-2023 में इसे बढ़ाकर 61 लाख मीट्रिक टन कर दिया था. पिछली सरकार धान खरीदी केंद्र सरकार की वजह से ही कर पाई. बजट के ज़रिए हम दस नई योजनाएं, 20 नए संस्थान और 30 बड़े सुधार कार्यक्रम लेकर आ रहे हैं. अंदरूनी इलाकों में बस चलाने के लिए मुख्यमंत्री बस योजना हम शुरू कर रहे हैं. नदियों को जोड़ने, स्टेट कैपिटल योजना, मेट्रो के लिए सर्वे जैसे प्रावधान भी इस बजट में किए गए हैं. फ़ाइलों को डिजिटल तरीके से निपटान किया जाना शुरू किया जा चुका है. ऋण का कैलकुलेशन जीएसडीपी के रेशियो में होता है. यह 25 फ़ीसदी में नीचे होना चाहिए. हम 19 फ़ीसदी पर हैं. तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने इंटरव्यू में कह दिया है कि उनके पास तनख़्वाह देने तक के पैसे नहीं है.
ओपी चौधरी ने कहा, नेता-प्रतिपक्ष से पूछना चाहता हूं कि कांग्रेस सदन में सीबीआई जांच की मांग करती है और पार्टी कार्यालय में सीबीआई सहित सेंट्रल एजेंसियों के खिलाफ प्रदर्शन की बात कहती है. यह दोहरी राजनीति नहीं चलेगी. इसका जवाब नेता-प्रतिपक्ष को देना चाहिए. उन्होंने कहा, सदस्यों की ओर से जो महत्वपूर्ण सुझाव आए हैं उसे मुख्यमंत्री के समक्ष रखेंगे. आगामी अनुपूरक में उसे शामिल करेंगे.
बीएड वालों को नौकरी से हटाया, उनकी तरफ भी ध्यान दें : नेता प्रतिपक्ष
विनियोग विधेयक पर चर्चा करते हुए नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर चरणदास महंत ने कहा कि वित्त मंत्री जांजगीर में कलेक्टर हुआ करते थे. मुझे पता चला था कि रायगढ़ के खरसिया से हैं तो मुझे बेहद खुशी हुई थी कि एक गंवाइयां आ गया. उस वक्त आप नए बच्चों को सैनिक बनाने भेजा करते थे, लेकिन आज कई बच्चे हैं जो अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, उनकी ओर भी ध्यान दे दें. बीएड के बच्चे जिन्हें नौकरी से हटा दिया उनकी तरफ भी ध्यान दे दें. मैं समझता हूं कि वित्त मंत्री वित्त विभाग की असलियत से दूर जाकर बात कर रहे थे. जितनी राशि बजट में स्वीकृत की गई है उसे धरातल में आने में कितना वक्त लगेगा. इसका हम अनुमान नहीं लगा पा रहे हैं.
महंत ने कहा, स्वच्छ भारत मिशन में चार सौ करोड़ का प्रावधान किया है. पिछले वर्ष दो सौ करोड़ का प्रावधान किया था. दिसंबर तक एक रुपए भी खर्च नहीं किया था. इसका अर्थ क्या होता है. 147 करोड़ रुपए जो खर्च किया जा रहा है ये 2023-24 की बची हुई राशि है. नालंदा परिसर के लिए 150 करोड़ का प्रावधान किया था. पिछला पैसा ही खर्च नहीं हुआ है. फ़ूड पार्क की स्थापना के लिए 17 करोड़ का प्रावधान किया था, सिर्फ 45 फ़ीसदी खर्च हुआ है. सहकारी गोदाम के निर्माण के लिए बजट में प्रावधान किया था. एक रुपए भी खर्च नहीं हुआ है. महिला बाल विकास में 146 करोड़ रुपए केंद्र परिवर्तित राशि है, जिसे खर्च नहीं किया गया.
‘उत्पादन 100 लाख मीट्रिक टन, 149 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी कैसे हुआ?’
नेता प्रतिपक्ष ने कहा, सरकार के 14 महीने निकल गए. कुछ तो उदाहरण प्रस्तुत करें. पांच साल में क्या किया, सिर्फ़ यही कहते रहे. 2047 के विजन डॉक्यूमेंट को क्या विधानसभा के पटल पर रखा है? यहां बैठे बहुत कम लोग बचेंगे 2047 तक. इसके बारे में हम सबको पता होना चाहिए. छत्तीसगढ़ के जंगल वन हमारी संपदा है. इसे बचाकर रखना बड़ी बात होगी. जब धान का उत्पादन 100 लाख मीट्रिक टन हुआ है तो फिर ख़रीदी 149 लाख मीट्रिक टन कैसे हो गया? हम शंका तो कर सकते हैं कि ये बाक़ी धान कहाँ का है ? पंजीकृत श्रमिकों का नाम मनरेगा से काट दिया गया है. गरीबों का रोजगार छीन रहे हैं. आर्थिक सर्वेक्षण में कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी 17.9 था, जो इस साल घटकर 16 फीसदी रह गया है. सेवा क्षेत्र में हिस्सेदारी 10.43 था, जो अब घटकर 8.5 हो गया है. उद्योग में 10.1 फीसदी था, जो घटकर 9 फ़ीसदी हो गया है.
‘किसके कहने पर शक्कर कारखाने बंद करने की साजिश हो रही’
चरणदास महंत ने कहा, एक तरफ किसानों के आप हिमायती हैं और किसानों की ऋणमाफी योजना बंद कर दी. किसानों का ऋण वितरण कम कर दिया है. इस साल पूंजीगत व्यय में 18 फीसदी की है. ये अच्छी बात है, लेकिन पिछले वर्ष जो राशि रखी गई थी उसे खर्च क्यों नहीं किया गया. नक्सलियों के खिलाफ जवान बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं. ये अच्छी बात है, लेकिन पिछले साल 64 आम नागरिक भी मारे गए हैं. राज्य में शक्कर कारखाने बंद करने की साजिश हो रही है. जो लोग साज़िश रच रहे हैं ये किसके कहने पर हो रहा है. इसमें सरकार की नियत साफ नहीं है. इसकी गति को गुजरात की ओर बढ़ा रहे हैं कि वहां के व्यापारी आए और यहां की मिलों को ले लें. यदि ऐसा है तो यह गलत बात है.
महंत ने कहा, पिछली सरकार ने 70 हजार करोड़ का ऋण लिया है. जीएसटी की राशि से घटा भी दे तो 43 हजार करोड़ रुपए होता है. इतनी बड़ी राशि ऋण में लेने का क्या हश्र होगा. वित्त मंत्री इसे समझे. हमारी सरकार के शराब का जिक्र बार-बार करते हैं. अब सूखे नशे बढ़ गए हैं. पुलिस वाले नशा करने वाले को कितना भी मारे उसे पता नहीं चलता. इस नशे के बाद चाकू गोद गोद कर नशेड़ी दूसरों को मारता है. बेटा बाप को मार रहा है. लड़कियों की राह चलते इज्जत लूटी जा रही है. तंत्र को एआई से जोड़िये. कोई तांत्रिक है तो उसे लगाइए. उन्होंने कहा, हसदेव जंगल के पेड़ कट गए. कोयला भी निकलने लग गया है. मिनी माता बांगो में पानी कम हो गया है. रबी की फसलों के लिए पानी लेने पर कलेक्टर ने रोक लगा दिया है. पानी लेने पर कार्यवाही करने की धमकी दी गई है.
भारतमाला सड़क परियोजना सीबीआई जाचं हो : चरणदास महंत
चरणदास महंत ने कहा, भारतमाला सड़क परियोजना पर मैं आज भी सीबीआई जांच की मांग करता हूं. सरकार को सीबीआई जांच करानी चाहिए. मैं इस विषय पर प्रधानमंत्री को पत्र लिखूंगा. कोर्ट भी जाऊंगा. मुझे सीबीआई पर भरोसा है. आप भी सदन में जांच की घोषणा कर दीजिए. उन्होंने कहा, कांग्रेस की सरकार में 43 हजार करोड़ का ऋण 5 साल में लिया गया. रमन सरकार के कार्यकाल के दौरान 41 हजार करोड़ का ऋण लिया. कुल ऋण 84 करोड़ हुआ था. विष्णुदेव साय सरकार में 34 हजार करोड़ का ऋण एक साल में लिया गया.
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