Rajasthan News: राजस्थान सरकार ने खाद्य सुरक्षा को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए प्रदेशभर में व्यापक निरीक्षण और सैंपलिंग अभियान चलाया है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने बताया कि 3 मार्च से 12 मार्च 2025 तक 1,340 औचक निरीक्षण किए गए, जिसमें विभिन्न नामी कंपनियों सहित कुल 3,363 सैंपल लिए गए। मिलावट पाए जाने पर कई विक्रेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में की जा रही है।

राजस्थान मिलावटखोरी पर कार्रवाई में अव्वल
मंत्री खींवसर के अनुसार, भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के मानकों के तहत राजस्थान ने निर्धारित सीमा से 284% अधिक सैंपल लेकर जांच की है। इस सख्ती के चलते मिलावटखोरी पर कार्रवाई में राजस्थान देश में पहले स्थान पर पहुंच गया है।
7 नए जिलों में खुलेंगी टेस्टिंग लैब
वर्तमान में प्रदेश में 11 टेस्टिंग लैब कार्यरत हैं, जिनमें अलवर, कोटा, अजमेर और जोधपुर शामिल हैं। अब सीकर, बाड़मेर और गंगानगर सहित 7 नए जिलों में भी प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं। इसके अलावा, 2025-26 के बजट में हनुमानगढ़, सवाई माधोपुर और जैसलमेर समेत 7 और जिलों में नई लैब स्थापित करने की घोषणा की गई है। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के 300 नए पदों की भर्ती भी की जा रही है, जिससे जांच प्रक्रिया और प्रभावी होगी।
मुनाफे के लिए जनता की सेहत से न करें खिलवाड़
मंत्री खींवसर ने विक्रेताओं से अपील की कि वे मुनाफे के लालच में जनता की सेहत से समझौता न करें। उन्होंने गंदे पानी से सब्जियां उगाने वालों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। राज्य सरकार मिलावटखोरी पर रोक लगाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इस दिशा में सख्त कदम उठा रही है।
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