जांजगीर. छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव की सरगर्मी उफान पर है. जांजगीर-चांपा सांसद क्षेत्र के चुनावी मुद्दे और मूड जानने स्वराज एक्सप्रेस की टीम जिला मुख्यालय जांजगीर पहुंच चुकी है. बिसाहू दास महंत बाल उद्यान बीटीआई चौक के सामने जांजगीर से लाइव देखिए आज शाम पांच बजे ‘सत्ता का संग्राम’ सिर्फ लल्लूराम डॉट कॉम व स्वराज एक्सप्रेस पर…

राजनीतिक गलियारों में इसे स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण और देश की दशा और दिशा बदलने वाला बताया जा रहा है. इस चुनावी महासमर में जहां एक तरफ भाजपा नीत एनडीए है, तो दूसरी ओर कांग्रेस नीत यूपीए महागठबंधन के तौर पर सत्ता हासिल करने जोर आजमाइश कर रहे हैं.

कार्यक्रम में सार्थक टीएमटी के साथ लल्लूराम डॉट कॉम की सहयोगी संस्था स्वराज एक्सप्रेस, आरती ग्रुप, आईएसबीएम यूनिवर्सिटी, जोफ स्पाइसेस, ट्रेवल पार्टनर व्यास ट्रेवल्स, हॉस्पिटल पार्टनर श्री बालाजी सुपर स्पेशियालिटी हॉस्पिटल, फायर सल्यूशन पार्टनर सेफ प्रो इवेंट पार्टनर हैं .

जांजगीर लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित सीट है. यहां एससी वर्ग की आबादी 24.92 यानी लगभग 25 फीसदी है. एसटी यानी आदिवासियों की आबादी 11.68 फीसदी है. ग्रामीण आबादी 88.27 फीसदी है. जांजगीर-चाम्पा  में 2014 में 62 फीसदी मतदान हुआ था. और करीब 10 लाख 73 हज़ार से ज्यादा वोट पड़े थे. इनमें बीजेपी सांसद को तकरीबन आधे वोट यानी 5 लाख 18 हज़ार 909 मिले थे. वर्ष 2019 में कुल वोटर 1889873 हैं पुरूष मतदाता 928226 हैं महिला वोटर 961612 हैं.

जांजगीर-चांपा लोकसभा सीट पर 1952 से लेकर अब तक 16 चुनाव हो चुके हैं इस सीट पर बीजेपी का पिछले 15 साल से कब्जा जरूर है मगर इससे पहले कांग्रेस के चरण दास महंत दो बार सांसद रह चुके हैं. यह एक ऐसी सीट जहां से कांग्रेस को 12 बार चुनाव में जीत मिली है. बीजेपी भी 5 बार जीत दर्ज कर चुकी है. 1977 में जनता पार्टी ने यहां अपना परचम लहराया था.

बीजेपी के लिए इस इलाके में कद्दावर नेता रहे दिलीप सिंह जूदेव ने पार्टी के पैर जमाए थे. 1989 में पहली बार यह सीट बीजेपी के पास गयी जब जूदेव ने लोकसभा का चुनाव जीता. फिर 1996 में बीजेपी के मनहरण लाल पांडे संसद पहुंचने में कामयाब रहे और उसके आगे 2004 से लेकर 2014 तक यह सीट बीजेपी के पास बनी हुई है.
लोकसभा सीट जांजगीर से भाजपा प्रत्याशी- गुहाराम अजगले को बनाया गया है. अजगले पूर्व सांसद हैं,लंबा राजनीतिक अनुभव है.समाज के बीच बेहतर छवि है लंबे अर्से से चुनाव नहीं लड़े है,लेकिन पार्टी संगठन में राष्ट्रीय स्तर पर मिली जिम्मेदारी के कारण सक्रिय रहे है.

तो वहीं कांग्रेस ने रवि भारव्दाज को लोकसभा चुनाव के लिए यहां से उम्मीदवार बनाया है.रवि भारव्दाज के पिता की राजनीतिक विरासत और युवा चेहरा हैं.अविभाजित मध्यप्रदेश में कांग्रेस के बड़े नेता और पूर्व सांसद परसराम भारव्दाज के पुत्र हैं.स्वयं की भी समाज में छवि बेहतर है.

छत्तीसगढ़ के जांजगीर लोकसभा सीट के अंतर्गत 8 सीटें आती हैं. इनमें चार सीटें कांग्रेस के पास हैं, तो दो सीटें बीजेपी और दो सीटें बीएसपी के पास. यह स्थिति 2018 में हुए ताजा विधानसभा चुनाव के बाद की हैं. लिहाजा इस इलाके में राजनीतिक बदलाव का मूड भी इसमें दिखता है. जिन चार सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है उनके नाम हैं सक्ती, चंद्रपुर, बिलाईगढ़, कसडोल. बीजेपी के पास अकलतारा और जांजगीर-चम्पा विधानसभा सीट है जबकि बीएसपी के पास जैजैपुर और पामगढ़ विधानसभा सीट. 2019 के लोकसभा चुनाव में जांजगीर-चांपा लोकसभा सीट पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा.