चंद्रकांत/बक्सर: हाल ही में डीडीयू-दानापुर रेल खंड के आरा रेलवे स्टेशन पर हुए तिहरे हत्याकांड के बाद दानापुर रेल मंडल के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं. असामाजिक तत्वों की बढ़ती मौजूदगी ने रेल यात्रियों के मन में डर बैठा दिया है. बक्सर रेलवे स्टेशन भी इस समस्या से अछूता नहीं है. स्टेशन के प्लेटफार्म, प्रतीक्षालय और बाहरी परिसर में अवांछित तत्वों की मौजूदगी लगातार बनी रहती है, जिससे यात्री असुरक्षित महसूस करते हैं.  

स्टेशन पर अवांछित तत्वों का जमावड़ा

रेल यात्री संघर्ष समिति के सदस्यों ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर रेलवे प्लेटफार्म पर एयरपोर्ट जैसी सुरक्षा व्यवस्था लागू करने की मांग की है, जिससे यात्रियों को सुरक्षित माहौल मिल सके. दरअसल, बक्सर रेलवे स्टेशन पर आए दिन कई ऐसे लोग देखे जाते हैं, जिनका यात्रा से कोई लेना-देना नहीं होता. ये लोग दिनभर प्रतीक्षालयों में बैठे रहते हैं, सोते हैं और रेलवे परिसर में गंदगी भी फैलाते हैं. सामाजिक कार्यकर्ता व राकांपा नेता बिनोधर ओझा ने इस स्थिति पर नाराजगी जताते हुए कहा कि रेलवे ने टिकट की कीमतें तो बढ़ा दी हैं, लेकिन यात्री सुविधाओं और सुरक्षा में कोई सुधार नहीं हुआ है.

चोरी और छिनतई की घटनाओं में वृद्धि

उन्होंने कहा कि रेलवे प्लेटफार्म के द्वितीय श्रेणी प्रतीक्षालय की स्थिति तो बेहद खराब है, लेकिन प्रथम श्रेणी प्रतीक्षालय में भी यात्रियों की बजाय बाहरी लोग अधिक नजर आते हैं. यह लोग कौन हैं और यहां कैसे पहुंचे, इसकी जांच करने वाला कोई नहीं है, ऐसे में रेल यात्रियों की सुरक्षा भगवान भरोसे है. रेलवे प्लेटफार्म पर चोरी और छिनतई की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता राघव कुमार पांडेय का कहना है कि दानापुर रेल मंडल में टिकट जांच अभियान तो चलाया जाता है, लेकिन प्लेटफार्म पर मौजूद लोगों से यह नहीं पूछा जाता कि वे वहां कैसे पहुंचे.

स्टेशन परिसर में गंदगी और लापरवाही

उन्होंने कहा कि क्या उनके पास यात्रा टिकट है या प्लेटफार्म टिकट? यह कोई नहीं जांचता. इस लापरवाही के कारण असामाजिक तत्व बेखौफ होकर प्लेटफार्म पर घूमते रहते हैं, जिससे यात्रियों की सुरक्षा को भारी खतरा पैदा हो गया है. स्टेशन पर अव्यवस्था और गंदगी की समस्या भी गंभीर होती जा रही है. मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक संजीव कुमार सिन्हा के अनुसार, कई लोग स्टेशन परिसर में बिना किसी कारण घंटों बैठे रहते हैं, खाते-पीते हैं और गंदगी फैलाते हैं. उन्होंने कहा कि ये लोग यात्री नहीं होते, न ही किसी यात्री को छोड़ने या लेने आए होते हैं. दिनभर प्रतीक्षालयों में बैठे रहते हैं और गंदगी फैलाते हैं. लेकिन रेलवे प्रशासन इस पर कोई कार्रवाई नहीं करता, जिससे यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ती है.

रेल मंत्री को लिखा गया पत्र

रेल यात्री संघर्ष समिति के संयोजक और अधिवक्ता डॉ. मनोज कुमार यादव ने बताया कि बक्सर, चौसा और अन्य रेलवे स्टेशन असामाजिक तत्वों के लिए सेफ जोन बनते जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि आरा रेलवे स्टेशन पर हुए तिहरे हत्याकांड के बाद रेल यात्रियों की सुरक्षा को लेकर चिंता और बढ़ गई है. हमने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर यात्री सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है.

यात्री सुरक्षा पर उठते सवाल

रेलवे यात्रियों की सुरक्षा और सुविधाओं में सुधार के दावों के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है. आए दिन चोरी, छिनतई और अन्य आपराधिक घटनाओं की खबरें आती रहती हैं, लेकिन रेलवे प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा. अब देखना यह होगा कि रेलवे यात्रियों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाता है. फिलहाल, असुरक्षा के माहौल में यात्री खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.

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