सुरेंद्र रामटेके, बालोद– बालोद जिले के ग्राम कुमुडकटटा पंचायत के ग्रामीण लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है. लाल पानी से प्रभावित किसान कल्याण संघ, जनमुक्ति मोर्चा, ब्लॉक ईकाई ने मिलकर गांव के प्रवेश द्वार व चौक चौराहों पर बैनर बांधकर कोई भी राजनीतिक पार्टियां वोट मांगने के लिए गांव नहीं आने की बात लिखी है. इसके अलावा कुमुडकटटा से लगा हुआ नलकसा पंचायत के आश्रित ग्राम नारंगसुर में मूलभूत सुविधाओं से वंचित है, यहां के ग्रामीण भी बैठक कर चुनाव बहिष्कार करने की तैयारी कर रहे हैं.

पांचवी अनुसूची के तहत अनुसूचित क्षेत्र में बीएसपी प्रबंधन व जनप्रतिनिधियों की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ मतदान बहिष्कार का निर्णय लेने की बात कही गई है. महामाया माइंस के कारण हर साल बरसात में फाइंस पहाड़ियों से बहकर खेतों में जमा हो गया है, इससे खेत पूरी तरह से पट गए है. किसान खेती नहीं कर पा रहे हैं. जिसके कारण अब रोजगार की समस्या खड़ी हो गई.

एक समय था जब कुमुडकटटा पंचायत की आबादी लगभग 10 हजार हुआ करती थी, लेकिन अब केवल एक हजार तक सिमट कर रह गई है.  यह गंभीर समस्या लगभग 40 वर्षों से बनी हुई है. कई बार प्रबंधन से रोजगार दिलाने मांग कर चुके हैं, लेकिन आश्वासन के अलावा आजतक कुछ भी नहीं मिला. माइन्स में स्थानीय लोगों को काम दिलाने के बजाय बाहर के लोगों को नौकरी पर रखी जा रही है. इसका भी विरोध जनमुक्ति मोर्चा द्वारा कई बार की जा चुकी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.

पहाड़ किनारे ग्रामीणों ने मिलकर स्वयं की मेहनत से तीन बड़े-बड़े तालाब खोदकर लाल पानी को रोकने की कोशिश की गई. ताकि फाइंस तालाब में जमा हो जाए. इसके बाद भी बरसात में पानी की तेज बहाव से लाल पानी किसानों के खेतों तक पहुंच जाता है, जिससे उनके खेत अब बंजर हो चुके हैं.