रायपुर। रमन सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए एक और घोटाले का शनिवार को खुलासा होगा। मामला साल 2016-17 का है। जब प्रदेश में सरकारी अस्पतालों के लिए दवाइयां और उपकरण खरीदे गए थे। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कारपोरेशन ने सारे नियम ताक पर रखते हुए करीब 425 करोड़ की दवाइयां और उपकरण खरीद लिए।

कांग्रेस के चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉक्टर राकेश गुप्ता ने बताया कि वे शनिवार को ईओडब्लू और स्वास्थ्य विभाग से शिकायत कर दस्तावैजो के आधार पर आरोपी अधिकारियों के खिलाफ जांच की मांग करेंगे।

इस पूरे प्रकरण की जांच की मांग करेंगे। डॉक्टर राकेश गुप्ता का कहना है कि इस मामले में सबसे दिलचस्प पहलू है कि जब इस बात की शिकायत व्हिसिल ब्लोअर ने साल 2018 के दौरान मुख्य सचिव और ईओडब्लू से की तो मुख्य सचिव ने आरोपी एमडी को ही जांच अधिकारी बना दिया। उस वक़्त मुख्य सचिव अजय सिंह और कारपोरेशन के एमडी रामा राव थे।

ये गड़बड़ी केवल एक साल के दौरान हुई खरीदी का है। डॉक्टर राकेश गुप्ता का कहना है कि दस्तावेज़ों से पता चलता है कि कारपोरेशन ने न केवल अमानक दवाइयां खरीदी बल्कि बिना सप्लाई किये पैसे भी ले लिए। कई ऐसे फर्म से दवाइयाँ खरीदी गईं जो इम्पैनल्ड ही नहीं थी। डॉक्टर गुप्ता का कहना है कि अमानक दवाइयों का सेवन भी मरीज़ों ने किया है।

गौरतलब है कि ये मामला इसलिए गंभीर हो जाता है क्योंकि अमानक दवाइयों के चलते ही बिलासपुर में 2015 हुए नसबंदी कांड में 18 महिलाओं की जान चली गई थी। इस घटना से भी राज्य सरकार ने सबक नहीं लिया। बल्कि उसके बाद भी छत्तीसगढ़ सरकार ने अमानक दवाइयों की खरीद जारी रखी।