सत्या राजपूत, रायपुर– प्रदेश में मरीज दर्द में कहराने को मजबूर है, और डॉक्टर भी लाचार है क्योंकि सरकारी अस्पतालों में एक महीने से दर्द निवारक दवा की आपूर्ति बंद है. डॉक्टर मरीज के परिजनों को बाहर से दवा खरीदने की बात कह रहे हैं. इस तरह सरकारी अस्पताल में सबसे जरूरी डिक्लोफेन दवा के लाले पड़े हैं.

मरीजों का कहना है कि हम सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए जा रहे हैं तो डॉक्टर पर्ची लिखकर बाहर से गोली मंगा रहे हैं. जब बाहर से दवा लेना ही है तो बाहर ही इलाज कराएंगे. सरकारी अस्पताल को बंद कर दें, सरकार मुक्त में इलाज दे रहे हैं. बोलकर वाहवाही लूट रही है, और अस्पतालों में दवा नहीं है.

इस मामले पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि कुछ कमी हो रही है, क्योंकि जो सिस्टम है उसमें कमियां है. सीजीएमसी का गठन हुआ है, इसके माध्यम से सप्लाई होता है, कोई भी सामान का ऑडर करने और सप्लाई में 153 दिन लगते हैं. आज जो दवाइयों की कमी हो रही है उसका कारण आरसी है, जिसका आरसी में अभी समय है उसके ऑर्डर में ज्यादा परेशानी नहीं होगी, लेकिन जिसका आरसी समय समाप्त है. उसके लिए चिंतन किया जा रहा है, वित्त विभाग से अनुमति मिलते ही खरीदी की जाएगी..

रायपुर के जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. केआर सोनवानी ने बताया कि डिक्लोफेन दवा बहुत जरूरी है, जिसका सप्लाई एक महीने से बंद है. पिछली बार 6 लाख गोलियां मिली थी, जो खत्म हो गई है. इसके विकल्प के रूप अन्य मद के पैसों से गोली खरीदने का निर्देश मिला है.

आपको बता दें कि प्रदेश में एक माह में दर्ज निवारक पेन किलर दवा की खपत लाखों में है, लेकिन इस दवा की सप्लाई बंद होने से मरीजों के जेब कट रहे हैं, क्योंकि डॉक्टर पर्जी पकड़ा कर बाहर मेडेसिन लाने को भेज रहे हैं.