ज्योतिरादित्य सिंधिया 2018 के मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद के चेहरे होंगे. दिल्ली के उच्चस्थ सुत्रों के मिली जानकारी के मुताबिक इस बात की घोषणा जल्द की जा सकती है. आलाकमान इस मसले को लेकर पहले ही अपना मन बना चुका था लेकिन उसे इंतजार था सही वक्त का. प्रदेश के बाकी दिग्गज नेताओं को भी इस बात के संकेत पहले ही दे दिए गए थे.
सुत्रों की माने तो सिंधिया को फ्री हैंड दिया जाएगा और चुनाव से करीब डेढ़ साल पहले ही उनके नाम की घोषणा कर दी जाएगी ताकि उन्हें अपने माफिक काम करने का मौका मिल सके. हांलाकि एक राय यह भी है कि अभी उनको प्रदेश की फ्री हैंड कमान देकर चुनाव के वक्त सीएम पद के लिए उनका नाम आगे बढ़ाया जाएगा.
पिछले विधानसभा चुनाव में भी इस बात को लेकर चर्चा थी कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस का चेहरा बनाया जाए तो पार्टी शिवराज सरकार को हटा सकती है. लेकिन आलाकमान इस बात को लेकर इसलिए असमंजस में थी क्योंकि इस घोषणा से उसे भीतरघात का डर था. चूंकि सिंधिया की राजनीति एक क्षेत्र विशेष तक सीमित थी जबकि दूसरे क्षेत्र में दिग्विजय सिंह और कमलनाथ की व्यापक पकड़ थी. पार्टी को डर था कि चुनाव से ठीक पहले अगर सिंधिया को प्रोजेक्ट किया गया तो पार्टी में कलह मच सकती है.
लेकिन यूपी चुनाव में हार और पंजाब में जीत के बाद कांग्रेस के अंदरखान ये चर्चा भी शुरु हो गई कि पार्टी को रिवाइव करने के लिए क्षेत्रीय स्तर पर चेहरों को उभारा जाए. इस फॉर्मूले में भी सिंधिया ही सबसे ज्यादा फिट थे. लिहाज़ा पार्टी के प्रदेश के बड़े नेताओं को पहले ही संदेश दे दिया गया था कि अगले चुनाव में किस चेहरे के साथ पार्टी आगे बढ़ेगी.
लेकिन मामला फ्री हैंड को लेकर फंसा हुआ था. सिंधिया खुद टिकट बंटवारे से लेकर रणनीति बनाने में फ्री हैंड चाहते थे. अटेर चुनाव ने उनकी राह आसान कर दी. दरअसल रतलाम उपचुनाव में उन्होंने रोड शो और सभाएं करके पार्टी की जीत में अहम भूमिका निभाई थी. अटेर चुनाव में भी सारी रणनीति उन्हीं की बनाई हुई थी.