दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 2020 में दिल्ली जल बोर्ड(DJB) के कार्यालय में हुई तोड़फोड़ के मामले में सोमवार को जांच अधिकारी को फेसबुक और इंस्टाग्राम से संबंधित जांच की प्रगति स्पष्ट करने के लिए नोटिस जारी किया है. इसके साथ ही, कोर्ट ने इस मामले में आरोपी भाजपा सांसद योगेंद्र चंदोलिया और दिल्ली भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता को जमानत प्रदान की है. यह मामला आम आदमी पार्टी के नेता और सांसद राघव चड्ढा की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था.
एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) पारस दलाल ने आरोपियों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) और उनके बयानों में पाई गई कमियों के संबंध में चार जांच अधिकारियों को नोटिस जारी किया है. उन्होंने इन अधिकारियों को अदालत के आदेश का पालन करने के लिए निर्देशित किया है.
कोर्ट ने बताया कि पुलिस रिपोर्ट में इंस्टाग्राम और फेसबुक को भेजे गए नोटिस के संबंध में जांच अभी लंबित है. एसीजेएम ने 7 अप्रैल को आदेश दिया, “आईओ को सप्लीमेंट्री चालान की स्थिति पर स्पष्टता प्रदान करने का निर्देश दिया जाता है.”
अदालत ने यह निष्कर्ष निकाला कि आरोपी रवि राजपूत का ग्राहक आवेदन पत्र (सीएएफ) रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं है. इसके अलावा, घटना के समय सभी आरोपियों के स्थान का पता लगाने के लिए आवश्यक प्रविष्टियों को उजागर किए बिना ही सीडीआर प्रस्तुत की गई है. धारा 161 सीआरपीसी के अंतर्गत कुछ गवाहों के बयान केवल हस्तलिखित हैं. अदालत ने निर्देश दिया कि इन बयानों को टाइप करके प्रस्तुत किया जाना चाहिए, ताकि वे पढ़ने योग्य प्रतियों के रूप में उपलब्ध हों.
अदालत ने निर्देश दिया कि “इस मामले के सभी चार जांच अधिकारियों को उपरोक्त कमियों को सुधारने के लिए नोटिस जारी किया जाए और एनडीओएच द्वारा अदालत के आदेश का पालन सुनिश्चित किया जाए.” अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि आदेशों का पालन नहीं किया गया, तो सभी चार आईओ को अगली तारीख को इस अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना अनिवार्य होगा.
सुनवाई के दौरान न्यायालय ने आरोपी विकास तंवर और रवि राजपूत को जमानत प्रदान की. इसके साथ ही, भाजपा नेता आदेश गुप्ता और सांसद योगेंद्र चंदोलिया को भी जमानत दी गई है. उन्हें अगली सुनवाई में जमानत पेश करने के लिए समय दिया गया है, जबकि आदेश गुप्ता ने वर्चुअल माध्यम से पेशी दी.
राघव चड्ढा के वकील ने जांच की निगरानी से संबंधित मुद्दे पर बहस के लिए समय की मांग की. 17 मार्च को अदालत ने शिकायतकर्ता राघव चड्ढा की याचिका के संदर्भ में जांच की निगरानी के लिए आरोप पत्र और पूरक आरोप पत्र की एक प्रति उन्हें प्रदान करने का निर्देश दिया था.
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यह मामला 2020 में ‘आप’ सांसद राघव चड्ढा द्वारा की गई शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था. इसके बाद, उन्होंने जांच की प्रक्रिया की निगरानी के लिए एक याचिका प्रस्तुत की थी.
इस प्रकरण में भाजपा सांसद योगेंद्र चंदोलिया और भाजपा नेता आदेश गुप्ता को आरोपी माना गया है. यह मामला हाल ही में विशेष एमपी एमएलए अदालत में स्थानांतरित किया गया है, क्योंकि योगेंद्र चंदोलिया वर्तमान में सांसद हैं.
दिल्ली पुलिस ने आईपीसी की धारा 188, 269, 147, 148, 149, 427 और सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम की धारा 3, साथ ही महामारी अधिनियम की धारा 3 के तहत एक आरोप पत्र प्रस्तुत किया था. अदालत ने 29 अप्रैल, 2023 को इस आरोप पत्र और संबंधित दस्तावेजों पर विचार किया था.
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