IPL 2025: इंडियन प्रीमियर लीग में जब भी तेज़ गेंदबाज़ों की बात होती है, भुवनेश्वर कुमार का नाम खुद-ब-खुद सामने आ जाता है। और अब इस अनुभवी पेसर ने एक और बड़ी उपलब्धि अपने नाम कर ली है। सोमवार, 7 अप्रैल को मुंबई इंडियंस के खिलाफ खेले गए मुकाबले में भुवी ने जैसे ही तिलक वर्मा का विकेट झटका, वो IPL इतिहास में सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले तीसरे और पहले तेज़ गेंदबाज़ बन गए। इस खास मौके पर उन्होंने ड्वेन ब्रावो को पीछे छोड़ दिया, जिनका रिकॉर्ड सालों से कायम था।

भुवी ने अपना 184वां विकेट लेकर यह मुकाम हासिल किया और सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले तीसरे और तेज़ गेंदबाज़ों की लिस्ट में पहले स्थान पर पहुंच गए। सबसे ज़्यादा विकेट लेने वालो की फेहरिस्त के टॉप पर 206 विकेट के साथ युजवेंद्र चहल और दूसरे स्थान पर 192 विकेट के साथ पीयूष चावला हैं।

ड्वेन ब्रावो को पछाड़ा, मलिंगा-बुमराह भी पीछे

तेज़ गेंदबाज़ों में भुवनेश्वर ने अब तक 179 पारियों में 184 विकेट चटकाए हैं, जबकि ड्वेन ब्रावो ने 158 पारियों में 183 विकेट लिए थे। इसके बाद लसिथ मलिंगा का नंबर आता है, जिन्होंने 122 मैचों में 170 विकेट झटके। बुमराह 165 विकेट के साथ चौथे और उमेश यादव 144 विकेट लेकर पांचवें नंबर पर हैं। इस लिस्ट में सबसे दिलचस्प बात ये है कि भुवी और बुमराह दोनों ही अभी भी खेल रहे हैं, यानी आगे दोनों के बीच मुकाबला और भी रोमांचक होने वाला है!

IPL इतिहास में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले टॉप-5 गेंदबाज

रैंकखिलाड़ीविकेट्समैच
1युजवेंद्र चहल206162*
2पीयूष चावला192192
3भुवनेश्वर कुमार184179*
4ड्वेन ब्रावो183161
5आर. अश्विन183216*

IPL इतिहास में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले टॉप-5 तेज़ गेंदबाज

रैंकखिलाड़ीविकेट्समैच
1भुवनेश्वर कुमार184179*
2ड्वेन ब्रावो183161
3लसिथ मलिंगा170122
4जसप्रीत बुमराह165134*
5उमेश यादव144148

MI के खिलाफ लुटाए रन, मगर फिर भी बने हीरो

मुंबई इंडियंस के खिलाफ भुवी ने भले ही 4 ओवरों में 48 रन दे दिए, लेकिन 18वें ओवर में तिलक वर्मा का विकेट निकालकर उन्होंने मैच का पासा पलट दिया। तिलक उस वक्त 29 गेंदों पर 56 रन बना चुके थे और MI की जीत की उम्मीद बने हुए थे।

इस अहम विकेट ने RCB को 12 रनों से जीत दिलाने में बड़ा रोल निभाया। ये भुवी का इस सीज़न का तीसरा विकेट था। उन्होंने अब तक के सभी मैचों में हिस्सा लिया है (केवल KKR के खिलाफ पहला मैच छोड़कर) और हर बार टीम के लिए अहम साबित हुए हैं।

क्लास कभी पुराना नहीं होता!

35 साल की उम्र में भी भुवनेश्वर कुमार जिस तरह से गेंदबाज़ी कर रहे हैं, वो वाकई काबिल-ए-तारीफ़ है। भले ही इस सीज़न उनका विकेट कॉलम ज्यादा भारी न हो, लेकिन अनुभव और कंट्रोल के दम पर वो हर मैच में टीम को फायदा पहुंचा रहे हैं। भुवी की ये उपलब्धि न सिर्फ एक रिकॉर्ड है, बल्कि आने वाले यंग गेंदबाज़ों के लिए एक प्रेरणा भी है कि कंट्रोल, मेहनत और निरंतरता से कुछ भी हासिल किया जा सकता है।

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