मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने नई दिल्ली में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सतीश कुमार से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने उत्तराखंड में रेल कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करने, नई रेल परियोजनाओं के शीघ्र क्रियान्वयन और पूर्ववर्ती प्रस्तावों की प्रगति के संबंध में विस्तृत चर्चा की. मुख्य सचिव ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी भेंटकर राज्य से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा की.

इस दौरान मुख्य सचिव ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को अवगत कराया कि राज्य में कुल पांच रेल परियोजनाएं हैं. जिनमें तीन प्रस्तावित और ऋषिकेश-कर्णप्रयाग सहित दो परियोजनाएं वर्तमान में संचालित की जा रही है. गंगोत्री यमुनोत्री रेल परियोजना जिसकी कुल दूरी 121.76 किमी है तथा 10 स्टेशन हैं. इसका सर्वेक्षण का कार्य पूरा हो चुका है और डीपीआर रेलवे बोर्ड को उपलब्ध करा दी गई है. इस पर अनुमोदन प्रतीक्षित है.

सीएस ने बताया कि टनकपुर बागेश्वर रेल परियोजना जिसकी कुल दूरी 170.70 किमी है और 12 स्टेशन हैं. इसका सर्वेक्षण का कार्य पूरा हो चुका है और डीपीआर रेलवे बोर्ड को उपलब्ध करा दी गई है. इस पर भी अनुमोदन प्रतीक्षित है. देहरादून -सहारनपुर रेल परियोजना जिसकी कुल दूरी 92.60 किमी है और इसमें 8 स्टेशन है. इसका सर्वेक्षण का कार्य गतिमान है.

उन्होंने बताया कि देहरादून-सहारनपुर रेल परियोजना का सर्वेक्षण कार्य प्रगति पर है. इस अवसर पर हरिद्वार-देहरादून रेलवे लाइन के दोहरीकरण और देहरादून के हर्रावाला रेलवे स्टेशन के विकास पर भी चर्चा की गई. इसके अतिरिक्त मेरठ से हरिद्वार तक रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के विस्तार की संभावनाओं पर भी विचार-विमर्श किया गया.

मुख्य सचिव ने बताया कि उत्तराखंड में दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों का रेल नेटवर्क से संयोजन, राज्य के औद्योगिक आर्थिक और सामाजिक विकास, विश्व प्रसिद्ध धामों, तीर्थ में वर्ष भर श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन तथा सामरिक महत्व के दृष्टिगत रेलवे का अवसंरचना की दृष्टि से विकास राज्य के लिए अत्यंत आवश्यक है.

छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें