Donald Trump Tariff On Pharma: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक और टैरिफ बम फोड़ा है। डोनाल्ड ट्रम्प ने दवाओं पर टैरिफ (Tariffs on medicines) लगाने का ऐलान किया है। दवाओं पर टैरिफ लगने से भारतीय फर्मा कंपनियों को बड़ा नुकसान होगा। भारतीय फार्मास्यूटिकल कंपनियां हर साल अमेरिका को 94 हजार करोड़ की दवाएं भेजती हैं। टैरिफ लगने से इसका व्यापक असर भारतीय कंपनियों पर पड़ेगा।
फर्मा पर टैरिफ लगाने का ऐलान करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि हम जल्द ही दवाइयों पर भारी टैरिफ लगाने जा रहे हैं। इसका मकसद विदेश में दवा बना रही कंपनियों को अमेरिका में वापस लाना और घरेलू दवा इंडस्ट्री को बढ़ावा देना है।
ट्रम्प ने कहा कि दूसरे देश दवाओं की कीमतों को कम रखने के लिए बहुत ज्यादा दबाव बनाते हैं। वहां ये कंपनियां सस्ती दवा बेचती हैं, लेकिन अमेरिका में ऐसा नहीं होता है। एक बार जब इन दवा कंपनियों पर टैरिफ लग जाएगा तो ये सारी कंपनियां अमेरिका वापस आ जाएंगी।
अमेरिका दुनिया में सबसे ज्यादा दवाएं खरीदने वाला देश
बता दें कि अमेरिका दुनिया में सबसे ज्यादा दवाएं खरीदने वाला देश है।अमेरिका दवाओं पर भी टैरिफ लगाने का फैसला लेता है तो इसका भारत पर भी असर पड़ेगा। भारतीय फार्मास्यूटिकल कंपनियां हर साल अमेरिका को 40% जेरेनिक दवाएं भेजती हैं। यूएस ट्रेड डेटा के मुताबिक भारत, अमेरिका को सबसे ज्यादा दवा बेचने वाले टॉप-5 देशों में शामिल है। वर्ष 2023 में भारत अमेरिका को हर साल 94 हजार करोड़ रुपये की जेनेरिक दवाइयां और एंटीबायोटिक्स एक्सपोर्ट करता है।
आयरलैंड अमेरिका को सबसे ज्यादा दवाएं बेचता है
वर्ष 2023 में आयरलैंड ने अमेरिका को सबसे ज्यादा 3.1 लाख करोड़ रुपये की दवाएं बेची थी है। इन दवाओं में कैंसर और वैक्सीन ज्यादा है। इसके बाद जर्मनी अमेरिका को 1.65 लाख करोड़ की जेनेरिक दवाइयां एक्सपोर्ट किया था। जबकि स्विटजरलैंड 1.3 लाख करोड़ की कैंसर दवाएं बेची थी।
अमेरिका अभी दवाओं पर टैरिफ नहीं लगाता
ट्रम्प ने हाल ही में 2 अप्रैल को “लिबरेशन डे” टैरिफ की घोषणा की थी। इसके तहत अमेरिका ने 5 अप्रैल से हर देश पर 10% बेसलाइन टैरिफ लगा दिया था। 9 अप्रैल से अलग-अलग देशों पर जैसे को तैसा यानी रेसिप्रोकल टैरिफ लगा। इन दोनों टैरिफ में दवा इंडस्ट्री को छूट दी गई थी। अमेरिका ने भारत से आयात होने वाली सामानों पर 26% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। यह आज से लागू हो गया है। लेकिन भारत या किसी और देश से आने वाली दवाओं पर ट्रम्प प्रशासन कोई टैरिफ नहीं लगाता। Citi का अनुमान है कि अगर टैरिफ का 50% बोझ मरीजों तक पहुंचाया गया, तो फार्मा कंपनियों की कमाई (EBITDA) पर 1% से 7% तक का असर हो सकता है।
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