मनेंद्र पटेल, दुर्ग। जिले के उरला इलाके में 6 साल की बच्ची से रेप और हत्या मामले को लेकर सियासत गरमा गई है। आज कांग्रेस की पांच सदस्यीय जांच समिति पीड़िता के घर पहुंची और पीड़ित परिवार से मुलाकात की। मीडिया से बात करते हुए संजारी बालोद विधायक संगीता सिन्हा ने कहा कि पुलिस ने पीड़ित परिवार के ही सदस्य को आरोपी बना दिया, जबकि जिस बादल मेश्राम पर परिवार ने शंका जताई थी उसे छोड़ दिया गया है।

जिस परिवार को मिलना था न्याय उसकी हुई पिटाई – विधायक सिन्हा

विधायक संगीता सिन्हा ने आरोप लगाया कि परिवार के सदस्यों के साथ मारपीट कर पूछताछ की गई। उन्होंने कहा, “जिस परिवार को न्याय मिलना चाहिए, उसे पीटा गया है। उनके शरीर पर चोट के निशान साफ दिखाई दे रहे हैं। इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। विधायक संगीता सिन्हा ने यह भी कहा कि यह घटना नशे की वजह से हुई है और सरकार शराब को बढ़ावा देने में लगी हुई है, जिससे ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं।

कांग्रेस की इस टीम में संगीता सिन्हा के साथ राजनांदगांव की पूर्व महापौर हेमा देशमुख, खैरागढ़ विधायक यशोदा वर्मा, डोंगरगढ़ विधायक हर्षिता स्वामी बघेल, पूर्व पार्षद प्रेमलता साहू, दुर्ग ग्रामीण जिलाध्यक्ष राकेश ठाकुर, गया पटेल और मुकेश चंद्राकर शामिल थे।

पीड़िता की मां ने आरोपी को बताया निर्दोष

पीड़िता की मां ने आरोपी सोमेश यादव को निर्दोष बताया है। इस बायान के बाद पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे है। दरअसल, पुलिस ने इस मामले में पीड़िता के चाचा को मुख्य आरोपी बनाया है, जो फ़िलहाल पुलिस हिरासत में है।

कांग्रेस की जांच कमेटी ने दुर्ग एसपी से की मुलाकात

कांग्रेस की जांच कमेटी ने पीड़ित परिवार से मुलाकात करने के बाद दुर्ग एसपी जितेन्द्र शुक्ला से भी मुलाकात की और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। कांग्रेस की जांच कमेटी ने एसपी को परिजनों की मांग से भी अवगत कराया। उन्होंने कहा कि परिजन पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं। उनके परिजन को ही आरोपी बना दिया गया, जबकि मुख्य आरोपी को छोड़ दिया गया है। वहीं, छानबीन के दौरान पीड़ित के परिजनों से मारपीट की गई है, महिलाओं को धमकाया गया है। दुर्ग एसपी जितेन्द्र शुक्ला ने इस पर त्वरित कार्रवाई करने की बात कही है।

“जो मुख्य आरोपी है, उसे ही गिरफ्तार किया गया है” – दुर्ग एसपी

दुर्ग एसपी जितेन्द्र शुक्ला ने कहा कि हमारे पास गिरफ्तार किए गए आरोपी को दोषी साबित करने के लिए तमाम साक्ष्य हैं। इन्हीं साक्ष्यों के आधार पर हमने उसे गिरफ्तार किया है। जब कोर्ट में हमें साक्ष्य प्रस्तुत करने होंगे, तब हम इस पर दलील पेश करेंगे। यह ऐसी घटना है जिस पर समाज का प्रत्येक वर्ग एकजुट है और पुलिस विभाग की भी पहली प्राथमिकता आरोपी को जल्द से जल्द सजा दिलाना है। कांग्रेस के लोगों ने मांग की है कि जल्द से जल्द आरोपी को सजा दिलाई जाए। इस पर हमने निर्णय लिया है कि 6 महीने के अंदर फास्ट ट्रैक कोर्ट में ट्रायल के माध्यम से आरोपी को सजा दिलाने का प्रयास करेंगे। इसके लिए विशेष टीम का गठन भी किया गया है, जो गुणवत्ता पूर्ण जांच करेगी और साक्ष्य जुटाने से लेकर चार्जशीट पेश करने तक का कार्य करेगी। संदिग्ध बादल मेश्राम के बारे में भी हमने पूरी जांच की है, जिससे वह आरोपी साबित नहीं होता। इसलिए जो मुख्य आरोपी है, उसे ही गिरफ्तार किया गया है।

पीड़िता के परिवार ने कलेक्टर के प्रस्ताव को ठुकराया

पीड़िता के परिवार ने कलेक्टर अभिजीत सिंह द्वारा दिए गए मुआवजे के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। कलेक्टर ने मंगलवार को परिवार को कलेक्ट्रेट बुलाकर ढाई लाख रुपये मुआवजा देने की पेशकश की थी, लेकिन परिवार ने साफ कहा कि उन्हें पैसे नहीं, न्याय चाहिए। असली आरोपी को ही सजा मिलनी चाहिए।

SP ने किया SIT का गठन

मामले में दुर्ग पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र शुक्ला ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (आईयूसीएडब्ल्यू) पद्मश्री तंवर की अगुवाई में गठित टीम पूरे मामले में साक्ष्य जुटाने से लेकर फास्ट ट्रेक कोर्ट में चार्ज शीट पेश करने का काम करेगी।

इस विशेष जांच दल में मोहन नगर थाना प्रभारी निरीक्षक शिव प्रसाद चंद्रा, महिला थाना प्रभारी निरीक्षक श्रद्धा पाठक, छावनी थाना प्रभारी उप निरीक्षक चेतन चंद्राकर, उप निरीक्षक पारस ठाकुर (मोहन नगर थाना), सहायक उप निरीक्षक राजेन्द्र देशमुख (थाना मोहन नगर), सहायक उप निरीक्षक संगीता मिश्रा, (रक्षा टीम) प्रधान आरक्षक लक्ष्मी नारायण पात्रे (मोहन नगर थाना) को शामिल किया गया है।

इन धाराओं में दर्ज किया गया है मामला

मामले में प्रार्थी ओम नगर, उरला निवासी सन्नी यादव पिता स्व. मनोहर लाल यादव की रिपोर्ट पर मोहन नगर थाना में अपराध क्रमांक 133/25 धारा 137 (2) बीएनएस का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। प्रकरण में धारा 103 (1), 64 (2)(एफ), 65 (2), 66, 238(ए) बीएनएस एवं 6 पाक्सो एक्ट का समावेश किया गया है।

जानिए क्या है पूरा मामला

बता दें कि मोहन नगर थाना क्षेत्र के उरला इलाके की रहने वाली 6 साल की बच्ची की गुमशुदगी की रिपोर्ट उसके परिजनों ने पुलिस में दर्ज कराई गई थी। बताया गया कि, रविवार सुबह 9 बजे अपनी दादी के घर कन्या भोज के लिए गई थी। इसके बाद से वह घर नहीं लौटी। पुलिस भी तलाश में जुटी लेकिन बच्ची का कोई पता नहीं चला। इस बीच, शाम 7.30 बजे सूचना मिली की बच्ची की लाश एक कार में मिली है। परिजन मौके पर पहुंचे और लाश को डिक्की से बाहर निकाला। इस दौरान बच्ची खून से लहूलुहान मिली।

बच्ची बहुत बुरी हालत में कार के अंदर सीट के नीचे पड़ी थी। उसके पूरे शरीर पर चोट के निशान थे, चमड़ी उधड़ी हुई थी। परिजन बच्ची को लेकर दुर्ग जिला अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टर्स ने मृत घोषित कर दिया।

भीड़ ने संदेही के घर लगाई आग

वारदात के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया। देर रात कार मालिक के घर और कार में तोड़फोड़ भी हुई। इधर पुलिस ने भी, कार मालिक, उसके ड्राइवर समेत 5 लोगों को संदेह आधार पर हिरासत में लिया। इनमें बच्ची का चाचा भी था। इसके बाद, आगे की पूछताछ में संदिग्ध में 3 लोग बचे। पुलिस का कहना है कि, पूछताछ, टेक्निकल सबूत और आरोपी के कबूलनामा से ये पता चला का कि, आरोपी बच्ची का ही चाचा है। फिलहाल उसे रिमांड में लेकर और सवालों के जवाब ढूंढे जा रहे।

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