Rajasthan News: राजस्थान में आमजन को राहत पहुंचाने के लिए शुरू की गई आरजीएचएस और ‘मां’ जैसी योजनाएं अब खुद संकट में नजर आ रही हैं। स्थिति ऐसी हो गई है कि आम नागरिकों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों को भी इलाज से वंचित होना पड़ रहा है। ताजा मामला सादुलपुर विधायक मनोज न्यांगली की मां के इलाज से जुड़ा है, जिन्हें जयपुर के अस्पताल ने इलाज देने से मना कर दिया।

विधायक मनोज न्यांगली ने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को एक पत्र लिखकर अपनी पीड़ा जाहिर की है। उन्होंने बताया कि जयपुर सहित प्रदेश के कई बड़े अस्पतालों में मरीजों को सिर्फ इसलिए लौटाया जा रहा है क्योंकि सरकार की योजनाओं के अंतर्गत लंबित भुगतान नहीं हो रहा। अस्पताल और मेडिकल स्टोर इलाज और दवाइयों से मना कर रहे हैं।
अपने पत्र में विधायक ने बताया कि उनकी मां प्रेम कंवर पिछले 8-10 महीनों से जयपुर के महावीर कैंसर अस्पताल में इलाज करवा रही थीं। लेकिन 8 अप्रैल 2025 को जब वे अपनी मां को इलाज के लिए लेकर पहुंचे, तो उन्हें अन्य सैकड़ों मरीजों की तरह बिना इलाज के ही लौटा दिया गया। अस्पताल प्रशासन का कहना था कि जब तक पिछला भुगतान नहीं होता, तब तक आगे इलाज संभव नहीं है।
विधायक ने इस स्थिति को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि दूर-दराज से आने वाले मरीजों का इलाज न हो पाना एक गंभीर विषय है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि इस व्यवस्था में तुरंत सुधार किया जाए ताकि जनता को वास्तव में इन योजनाओं का लाभ मिल सके।
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