रायपुर. मंगलवार से रविशंकर विश्वविद्यालय में न्यूनतम आय- 21वीं सदी में लोक कल्याणकारी राज्य की पुनर्कल्पना विषय पर तीन दिन की राष्ट्रीय चर्चा शुरु होगी.  चर्चा में देश के जाने माने अर्थशास्त्री परांजय गुहा ठाकुरता, प्रो संतोष महरोत्रा और भालचंद्र मुंगेकर शामिल होंगे. इस बात की जानकारी रविशंकर विवि अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो आरके ब्रम्हे ने दी है.
उन्होंने बताया कि रविशंकर विश्वविद्यालय 9 अप्रैल से तीन दिन की इस विषय पर कार्यशाला करने जा रहा है. जिसमें न्यूनतम आय को लेकर अलग-अलग जानकार इसके गरीबी पर पड़ने वाले प्रभाव, महिलाओं पर पड़ने वाला प्रभाव और अंतर्राष्ट्रीय अनुभव पर रौशनी डालेंगे.
गौरतलब है कि वेलफेयर स्टेट की अवधारणा के मद्देनज़र किसी को सीधे पैसे देकर उसका विकास किया जा सकता है या नहीं. पूरी दुनिया में इसे लेकर चर्चा छिड़ी हुई है. अमर्त्य सेन, प्रणव बर्धन जैसे अर्थशास्त्री इसकी वकालत करते आए हैं. ये अर्थशास्त्री गरीबी से लड़ने का कारगर हथियार के तौर पर इसे देख रहे हैं. यूनिसेफ ने 2012 के दौरान कुछ गावों में सबको सीधे पैसे देकर अध्ययन किया है कि पैसे मिलने पर उसका सही इस्तेमाल गांववाले करते हैं.