रायपुर। गर्मी का मौसम आ गया है. लोगों की प्यास बुझाने जगह-जगह प्याऊ लगाकर पानी पिलाया जा रहा है. लेकिन पक्षियों के लिए शहर में कहीं भी जल स्त्रोत नहीं हैं उस वक्त जब गर्मी की वजह से नदी तालाब सब सूखते जा रहे हैं. ऐसे में उनकी प्यास बुझेगी कैसे ये बड़ा सवाल है? राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को कलेक्टोरेट परिसर में स्थित उद्यान में गर्मियों में पक्षियों की प्यास बुझाने और उन्हें दाना देने के लिए पेड़ों पर सकोरा लगाया. उन्होंने इस अवसर पर नव वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हम प्रतिदिन सुबह शहर के उद्यानों में आते हैं, शुद्ध हवा लेते हैं और स्वस्थ रहने का प्रयास करते हैं। हम अपने बच्चों को स्वस्थ रहने के लिए विभिन्न व्यायाम और अन्य खेल सिखाते हैं. हमारे चारों ओर एक पर्यावरण हैं, जिनमें विभिन्न जीव-जंतु पक्षी भी निवास करते हैं. उनके प्रति भी हमारी जिम्मेदारी है.

राज्यपाल ने कहा कि बढ़ते शहरीकरण-नगरीयकरण के कारण पक्षियों के लिए बड़ी समस्या उत्पन्न हो रही है। उन्हें गर्मी में न पर्याप्त पानी मिल पाता है, न ही शांति की जगह। इसके कारण शहरों में पक्षी नहीं दिखाई देते. उनकी संख्या भी कम होती जा रही है. उन्होंने कहा कि पक्षी हमारे परिवार के सदस्यों की तरह हैं. हमारा दायित्व बनता है कि उनके लिए पानी की व्यवस्था करें. इसके लिए हम हमारे उद्यानों में, हमारे घरों सकोरा लगाएं और उनमें दाना और पानी की नियिमित रूप से व्यवस्था करें. इससे पक्षियों का जीवन सुरक्षित रहेगा और हमारा पारिस्थितिकी संतुलन भी बना रहेगा. ऐसा करने से हमारे घर के आसपास फिर से पक्षियों की चह-चहाहट सुनाई देगी.

उन्होंने आम जनता से भी अपने घरों के छतों में पक्षियों के लिए सकोरा लगाने का आग्रह किया. राज्यपाल ने कलेक्टोरेट परिसर के उद्यान में स्थित ‘बापू की कुटिया’ का भी निरीक्षण किया. उन्होंने उद्यान में आम नागरिकों से भी मुलाकात की.

इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव सुरेन्द्र कुमार जायसवाल और उप सचिव रोक्तिमा यादव, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी आशुतोष पाण्डेय, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रफुल्ल ठाकुर, नगर निगम रायपुर के अपर आयुक्त अविनाश भोई और वरिष्ठ नागरिकगण उपस्थित थे।