हेमंत शर्मा, इंदौर. महाराष्ट्र विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोरहे देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर पहुंचीं. उन्होंने मीडिया बातचीत करते हुए इंदौर की स्वच्छता की तारीफ करते हुए स्वच्छता मॉडल महाराष्ट्र में भी लाने की बात कही. नीलम गोरहे ने कहा कि महाराष्ट्र से कई दल इंदौर आकर स्वछता का दौरा किया है, लेकिन अब इसे लागू करने का प्रयास किया जाएगा.

नीलम गोरहे ने वक्फ बोर्ड कानून को लेकर कहा कि मैं 25 साल से विधायक हूं और 6 साल से उपसभापति हूं. 2006 में मेरे सामने वक्फ के कुछ उदाहरण आए, जिसमें हमने देखा की वक्फ से जुड़ी जमीनों के मामलों में वक्फ की जमीनें करोड़ों की थी. लेकिन उन्हें लाखों में बेच दिया गया. इससे दिखा कि इस पर नियंत्रण नहीं है. 1984 में शाहबानो के केस में हम लड़ रहे थे कि उसे मुआवजा मिलना चाहिए. उस समय संसद में बिल पास हुआ था और उसमें कहा गया था कि मुस्लिम महिलाओं को वक्फ बोर्ड निर्वाहन देगा. लेकिन अभी तक हमें एक उदाहरण नहीं मिला. जिसमें वक्फ बोर्ड ने किसी मुस्लिम महिला को निर्वाहन दिया हो.

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नीलम गोरहे ने आगे कहा कि मैं आह्वान करती हूं कि कोई ऐसी महिला का उदाहरण हमें लाकर दें, जिसमे मुस्लिम महिला को वक्फ बोर्ड ने निर्वाहन दिया हो. वक्फ बोर्ड का कानून किसी के खिलाफ नहीं है, जो विरोध कर रहे हैं. उनसे मैं सवाल करुंगी कि जहां शरिया का कानून है, वो यहां लागू क्यों नहीं होता है? क्योंकि यहां पर बाबा साहब आंबेडकर का संविधान है. कुणाल कामरा के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म को लेकर एडवाइजरी कमेटी कानून में नहीं बदली गई है. इसलिए इस पर किसी का नियंत्रण नहीं है. राज्यों को इसे कानून में बदलना चाहिए.

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