रायपुर- छत्तीसगढ़ के पशु चिकित्सा विभाग की गंभीर लापरवाही तथा आपसी तालमेल ना होने के कारण आज राज्य स्तरीय अस्पताल पंडरी कैंपस में ही रेस्क्यू वाहन में एक ऊंट की मौत हो गई. पूरे मामले की जानकारी देते हुए पीपल फॉर एनिमल की कस्तूरी बल्लाल ने बताया कि कुछ दिनों से कुम्हारी नदी के पास तट में एक ऊंट को उसके मालिक द्वारा छोड़े जाने की जानकारी उन्हें 1 दिन पूर्व मिली थी. ऊंट को कुछ बीमार तथा चोटिल पाए जाने पर उन्होंने आज संयुक्त संचालक चिकित्सा विभाग रायपुर से संपर्क किया, जिन्होंने पहले तो ड्राइवर की अनुपलब्धता की बात कही परंतु बाद में मीडिया तथा अन्य लोगों के दबाव के चलते रेस्क्यू वाहन मुहैया कराया गया.
कुम्हारी में रेस्क्यू किए जाने के के दौरान रेस्क्यू टीम के सदस्यों ने यहां तक कहा कि यह ऊंट लगभग 20 वर्ष का है और पूर्णता स्वस्थ है एवं अगले 15 दिन में राज्य के अत्याधुनिक पशु चिकित्सालय में पूर्णता स्वस्थ हो जाएगा.
इसके बाद ऊंट को लगभग 3.45 बजे राज्य स्तरीय अस्पताल पंडरी में लाया गया, जहां पर संयुक्त संचालक चिकित्सा विभाग पंडरी की रेस्क्यू टीम वाले उसे वाहन में ही छोड़ कर चले गए. बाद में संयुक्त संचालक ने उन्हें (कस्तूरी बलाल को) फोन कर यह बताया कि राज्य स्तरीय अस्पताल के चिकित्सक ऊंट को एडमिट करने के लिए तैयार नहीं है और या तो ऊंट को कहीं और ले जाएं या उच्च अधिकारियों से बात करें. बलाल ने बताया कि संयुक्त संचालक द्वारा इलाज में असमर्थता बताएं जाने के बाद डायरेक्टर वेटरनरी सर्विसिस से संपर्क करके उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया उसके बाद भी ऊंट को गाड़ी में ही रहने दिया गया.
कस्तूरी बलाल ने बताया कि वे लगभग 5.45 शाम को राज्य स्तरीय अस्पताल पहुंची. उन्होंने वाहन में ऊंट को अकेला पाया. अपने को बेल्ट से घंटों से बंधा हुआ होने के दौरान लगातार छुड़ाने के प्रयत्न किए जाने के कारण ऊंट अत्याधिक थक जाने से एग्जॉस्ट हो गया तथा उसकी गर्दन भी फंस गई थी. वह अंतिम सांसे ले रहा था और उसमें कुछ जान बाकी थी. उन्होंने अस्पताल के कर्मचारियों से सहयोग मांगा लेकिन कोई भी ऊंट को उतारने के लिए नहीं आया और अंततः रेस्क्यू वाहन में ही ऊंट की मौत हो गई.
बलाल ने इस मामले में की गई लापरवाही में संबंधित चिकित्सकों को तत्काल ही निलंबित कर उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.