नई दिल्ली। माल एवं सेवा कर यानी जीएसटी की नई व्यवस्था के बाद पहले महीने में सरकार को 42 हज़ार करोड़ रुपये टैक्स के रुप में मिले हैं. हांलाकि ये अंतिम आंकड़े नहीं हैं लिहाज़ा इसमें और बढ़ोत्तरी की संभावना है.

एकीकृत जीएसटी के रूप में 15,000 करोड़ रुपये आये हैं. एकीकृत जीएसटी वस्तुओं की एक राज्य से दूसरे राज्य में आवाजाही पर लगता है. जबकि कार तथा तंबाकू जैसी वस्तुओं पर सेस के जरिये 5,000 करोड़ रुपये की आमदनी हुई है.22,000 करोड़ केंद्रीय जीएसटी तथा राज्य जीएसटी के रूप में आए हैं. इस राशि को केंद्र और राज्य सरकार के बीच बराबर-बराबर बांटा जाएगा.

एक अधिकारी ने कहा कि सोमवार सुबह तक टैक्स जमा 42,000 करोड़ रुपये रहा. अब तक 10 लाख करदाताओं ने रिटर्न दाखिल किया है और 20 लाख ने लॉग इन किया है और टैक्स रिटर्न फॉर्म हासिल किया है. सरकारी अनुमान है कि 90-95 प्रतिशत करदाता रिटर्न फाइल करेंगे और टैक्स का भुगतान करेंगे.

1 जुलाई से लागू जीएसटी व्यवस्था के तहत कंपनियों को मासिक टैक्स रिटर्न फाइल करना है. पहले महीने का टैक्स रिटर्न भरने की तारीख बढ़ाकर 25 अगस्त कर दी गई है. रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख 20 अगस्त से ठीक एक दिन पहले वेबसाइट में तकनीकी दिक्कत होने के चलते यह समयसीमा बढ़ाई गई है.

जीएसटी ने उत्पाद शुल्क, सेवा कर तथा वैट समेत एक दर्जन से अधिक केंद्रीय तथा राज्यों के टैक्स को समाहित किया है. पिछले वर्ष जुलाई में 31,782 करोड़ रुपये उत्पाद शुल्क के रूप में जबकि 19,600 करोड़ रुपये सर्विस टैक्स के रूप में जमा हुए थे.