कैलिफोर्निया. इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के बाद अब भारत में ऑनलाइन वोटिंग को लेकर चर्चा जोर पकड़ रही है। भारत में दूसरे शहर में जाकर रहने वाले वोटरों की संख्या भी काफी है। ऐसे ऑनलाइन वोटिंग को जरूरी बताया जा रहा है।
इस मौके पर आइए जानते हैं एक ऐसे देश के बारे में जहां वाकई देश की आधी आबादी ऑनलाइन वोटिंग ही करती है। अहम बात यह है कि यह देश महज 28 साल पहले ही आजाद हुआ और आज अपनी तकनीकी और ऑनलाइन सुविधाओं के लिए मशहूर है।
यह देश है, एस्टोनिया। यह बाल्टिक सागर के किनारे बसा हुआ है। वर्तमान में यह एक यूरोपीय देश है। लेकिन साल 1991 में ही यह सोवियत संघ से आजाद हुआ था। लेकिन जब यह देश आजाद हुआ था तब की हालत देखकर कोई यह नहीं सकता था कि इसकी कायाकल्प ऐसी होगी।
इस देश ने आजाद होने के बाद पहले 12-13 सालों में अपने देश को स्थिर किया। इस बात के लिए खुद को तैयार किया कि अब अपने देश का शासन वह खुद चला सकता है। इसके बाद इसने 2004 में यूरोपीय संघ में खुद शामिल किया और तकनीकी जगत की क्रांतिकारी नीति पर फोकस किया।
एक रिसर्च के मुताबिक एस्टोनिया में इतनी कंपनियां उभर रही हैं, जितनी अमेरिका के कैलिफोर्निया के सिलिकन वैली नहीं उभर रहीं। यहां-यहां अलग क्षेत्र में की 600 ऑनलाइन सेवाएं मौजूद हैं। इनमें ऑनलाइन वोटिंग की सुविधा सबसे यूनीक है। एक रिपोर्ट के अनुसार इस देश में हुए आखिरी चुनाव में कुल हुई वोटिंग का 44 फीसदी हिस्सा ऑनलाइन होगा।
इस देश ने तकनीकी दुनिया में इतना विस्तार किया कि कुछ देशों में इसके ई-एस्टोनिया नाम के देश से पहचाना जाने लगा। यहां की ऑनलाइन सुविधाओं के बारे में जानकर कई देशों का रस्क होगा।
यहां हर शख्सियत की हेल्थ का रिकॉर्ड ऑनलाइन मौजूद होता है। पार्किंग की फीस ऑनलाइन चुकाई जाती है। यहां नई कंपनी की रजिस्ट्रेशन में कुल समय कुल 18 मिनट लगता है। इसी तरह इनकम टैक्स भरने में कुछ वक्त ही लगता है।
इसी तरह इस देश में बॉर्डर क्यू मैनेजमेंट, डिजिटल सिग्नेचर, इलेक्ट्रॉनिक रेजीडेन्सी, ड्रीमएप्लाइ, इलेक्ट्रॉनिक बिज़नेस पंजीकरण, ई-कैबिनेट, ई-कोर्ट और ई-लॉ, ई-पुलिस आदि भी ऑनलाइन होता है।
यही एक ऐसा देश है जहां पूरे देश में वाई-फाई है। इतना ही नहीं दुनिया का सबसे तेज इंटरनेट बैंडविद्थ यहां चलती है। खास बात यह है कि इस देश की सुविधाएं केवल वहीं के लिए नहीं हैं।