Share Market Holiday: पिछले गुरुवार को शेयर बाजार में अवकाश था, जिसके बाद शुक्रवार को बाजार दोबारा खुला. इस दौरान बाजार में जोरदार तेजी देखने को मिली, जिसके चलते निफ्टी 50 इंडेक्स 429 अंक चढ़कर 22,828 के स्तर पर और सेंसेक्स इंडेक्स 1,310 अंक बढ़कर 75,157 के स्तर पर बंद हुआ.

अब शेयर बाजार मंगलवार, 15 अप्रैल को दोबारा खुलेगा. यानी शनिवार, 12 अप्रैल, रविवार, 13 अप्रैल, और सोमवार, 14 अप्रैल को बाजार बंद रहेगा. दरअसल, 14 अप्रैल को डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती के अवसर पर बाजार में अवकाश रहेगा.

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अगले सप्ताह 2 दिन बाजार बंद रहेगा (Share Market Holiday)

14 अप्रैल को भीमराव अंबेडकर जयंती के कारण शेयर बाजार के सभी सेगमेंट्स — इक्विटी, डेरिवेटिव्स, करेंसी, सिक्योरिटीज लेंडिंग एंड बॉरोइंग — में किसी भी प्रकार का लेन-देन नहीं होगा. बाजार अब मंगलवार, 15 अप्रैल को खुलेगा.

ध्यान देने योग्य है कि अगले कारोबारी सप्ताह में शुक्रवार, 18 अप्रैल को भी गुड फ्राइडे के कारण अवकाश रहेगा. इस तरह, अगला सप्ताह केवल मंगलवार, 15 अप्रैल, बुधवार, 16 अप्रैल, और गुरुवार, 17 अप्रैल को ही बाजार खुले रहेंगे.

शेयर बाजार अवकाश कैलेंडर 2025

शेयर बाजार अवकाश कैलेंडर 2025 के अनुसार, अप्रैल के बाद आने वाले महीनों में बाजार निम्नलिखित तारीखों को बंद रहेगा:

  • 1 मई – महाराष्ट्र दिवस
  • 15 अगस्त – स्वतंत्रता दिवस
  • 27 अगस्त – गणेश चतुर्थी
  • 2 अक्टूबर – गांधी जयंती
  • 21-22 अक्टूबर – दिवाली
  • 5 नवंबर – प्रकाश पर्व
  • 25 दिसंबर – क्रिसमस

उपरोक्त सभी तिथियाँ आधिकारिक अवकाश हैं. इसके अलावा हर शनिवार और रविवार को भी भारतीय शेयर बाजार बंद रहते हैं.

बाबा साहेब अंबेडकर के बारे में (Share Market Holiday)

हर साल 14 अप्रैल को बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर पूरे देश में अवकाश रहता है. भारतीय संविधान के निर्माता और स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री डॉ. अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को हुआ था.

ब्रिटिश शासन के दौरान उन्होंने मानवाधिकार, समानता और सामाजिक न्याय जैसे विषयों पर अपनी आवाज़ बुलंद की और उनके लिए संघर्ष किया. इसी कारण 14 अप्रैल को देशभर में उनका जन्मदिन सम्मान और उत्साह के साथ मनाया जाता है.

आरबीआई और बाबा साहेब अंबेडकर के बीच संबंध (Share Market Holiday)

डॉ. अंबेडकर को आर्थिक मामलों का भी गहरा ज्ञान था. उन्होंने 1923 में एक महत्वपूर्ण पुस्तक लिखी – “The Problem of the Rupee: Its Origin and Its Solution”. इस पुस्तक में उन्होंने भारत की मौद्रिक प्रणाली और सुधारों को लेकर कई अहम सुझाव दिए.

बाद में उन्हीं सुझावों के आधार पर ब्रिटिश सरकार की हिल्टन यंग कमीशन ने 1935 में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की स्थापना की.

आर्थिक मामलों में डॉ. अंबेडकर की विशेषज्ञता (Share Market Holiday)

डॉ. अंबेडकर ने बॉम्बे विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान में डिग्री प्राप्त की थी. उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से डॉक्टरेट की उपाधि भी हासिल की थी. उन्हें भारत के सबसे शिक्षित राजनेताओं में गिना जाता है.

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