वीरेन्द्र गहवई, बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की धर्मनगरी रतनपुर इन दिनों कछुओं की रहस्यमयी मौत को लेकर सुर्खियों में है. दो अलग-अलग स्थानों पर मृत कछुओं की बरामदगी के बाद यह मामला धीरे-धीरे गंभीर होता जा रहा है. वन विभाग की भूमिका पर सवाल उठाते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर रविवार को नगर बंद किया गया. यह भी पढ़ें : ‘अर्जेंट छुट्टी’ के नाम पर कश्मीर गए कलेक्टर, मुख्य सचिव ने पकड़ा झूठ, लगाई फटकार…

इस पूरे घटनाक्रम की शुरुआत 25 मार्च को हुई, जब महामाया मंदिर परिसर स्थित कुंड से 23 मृत कछुए बरामद किए गए. इसके बाद 8 अप्रैल को मंदिर के ही पास स्थित कल्पेशरा तालाब में भी 4 कछुओं की रहस्यमयी मौत ने नगरवासियों और पर्यावरण प्रेमियों को झकझोर दिया. इन दोनों घटनाओं के बाद वन विभाग की कार्रवाई पर जनता का गुस्सा भड़क गया है. लोगों का आरोप है कि विभाग ने मामले को गंभीरता से लेने के बजाय सिर्फ खानापूर्ति की.

इस पूरे मामले में मंदिर ट्रस्ट के एक ट्रस्टी पर पीओआर (प्रोटेक्शन ऑफ वाइल्डलाइफ एक्ट) के तहत मामला दर्ज किया गया है. इस मामले में वन विभाग ने पांच लोगों के खिलाफ पीओआर दर्ज है, जिनमें से दो मजदूरों को जेल भेज दिया है, जबकि तीन अन्य आरोपी फरार है. नगरवासियों का कहना है कि न तो अन्य पदाधिकारियों से कोई पूछताछ हुई है, और न ही किसी से जवाब-तलब किया गया. यह पक्षपातपूर्ण कार्रवाई वन विभाग की भूमिका को संदिग्ध बना रही है.