केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी(Nitin Gadkari) ने चेताया कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर इतना उच्च है कि यहां तीन दिन रहने से स्वास्थ्य संबंधी संक्रमण हो सकता है. उन्होंने दिल्ली और मुंबई को प्रदूषण के मामले में रेड जोन के रूप में वर्गीकृत करते हुए कहा कि भविष्य में वायु और जल प्रदूषण के मुद्दों पर गंभीर प्रयासों की आवश्यकता है.

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उन्होंने बताया कि दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति अत्यंत गंभीर है. यदि कोई व्यक्ति तीन दिन तक दिल्ली में रहता है, तो उसे किसी न किसी प्रकार का संक्रमण होने की संभावना है.

गडकरी ने एक कार्यक्रम के दौरान जानकारी दी कि एक चिकित्सा अध्ययन के अनुसार, दिल्ली का प्रदूषण नागरिकों के औसत जीवनकाल को 10 वर्ष तक घटा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ पर्यावरणीय मुद्दों का समाधान राष्ट्रीय प्रगति के लिए अत्यंत आवश्यक है.

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उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि नैतिकता, अर्थव्यवस्था, पारिस्थितिकी और पर्यावरण भारतीय समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, लेकिन हमने पर्यावरण संबंधी समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया है. उनका कहना था कि प्रदूषण को नियंत्रित करने और लॉजिस्टिक्स की लागत को घटाने के लिए सड़क विकास एक आवश्यक रणनीति है.

6 नए वायु गुणवत्ता निगरानी केन्द्र बनेंगे

दिल्ली में छह नए वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्रों की स्थापना की जाएगी, जिससे राजधानी की वायु गुणवत्ता पर अधिक प्रभावी निगरानी संभव होगी. पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने जानकारी दी कि ये नए स्टेशन प्रदूषण के स्तर की सटीक जानकारी प्रदान करेंगे और इसके नियंत्रण में सहायक होंगे. सिरसा ने यह भी बताया कि वायु गुणवत्ता की निगरानी से संबंधित ढांचे का विकास भाजपा सरकार की नीति का एक महत्वपूर्ण पहलू है.

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30 जून तक का लक्ष्य रखा

इस संदर्भ में जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम, इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय, दिल्ली छावनी, नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय के पश्चिमी परिसर और राष्ट्रमंडल खेल क्रीड़ा परिसर में निगरानी केंद्रों की स्थापना की जा रही है. इस कार्य को 30 जून तक पूरा करने का उद्देश्य निर्धारित किया गया है.