केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा मंगलवार को उत्तराखंड दौरे पर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सरकार प्रत्येक एमबीबीएस छात्र पर 30-35 लाख रुपए खर्च करती है, उन्होंने नए डॉक्टरों से आग्रह किया कि वे अपने पेशेवर करियर की शुरुआत में अधिक जिम्मेदारियां उठाएं. इस आयोजन के दौरान नड्डा ने संस्थान की चिकित्सा सेवाओं को बढ़ाने के लिए कई स्वास्थ्य सुविधाओं का उद्घाटन किया, जिनमें आयुष विभाग में एकीकृत चिकित्सा, न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग में पीईटी स्कैन मशीन, रेडियोलॉजी विभाग में पीएसीएस सुविधा और बाल चिकित्सा देखभाल में उन्नत बाल चिकित्सा केंद्र शामिल हैं.

समारोह के दौरान नड्डा ने एमबीबीएस, डीएम, एमएससी नर्सिंग, बीएससी नर्सिंग और बीएससी संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान कार्यक्रमों के 10 मेडिकल छात्रों को स्वर्ण पदक और डिग्री प्रदान की. दीक्षांत समारोह में कुल 434 छात्रों को डिग्री दी गई, जिनमें 98 एमबीबीएस छात्र, 95 बीएससी (ऑनर्स) नर्सिंग छात्र, 54 बीएससी संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान छात्र, 109 एमडी/एमएस/एमडीएस छात्र, 17 एमएससी नर्सिंग छात्र, 1 एमएससी मेडिकल संबद्ध छात्र, 12 मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ छात्र, 40 डीएम/एमसीएच छात्र और 8 पीएचडी छात्र शामिल थे.

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इस दौरन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पिछले एक दशक में भारत के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में आयुष्मान भारत जैसे कार्यक्रमों की शुरुआत और नए एम्स और मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के साथ उल्लेखनीय प्रगति हुई है. उन्होंने कहा कि एम्स ऋषिकेश पूरे राज्य के लोगों को गुणवत्तापूर्ण और किफायती स्वास्थ्य सेवाएं और सुविधाएं प्रदान कर रहा है.

मुख्यमंत्री ने बताया कि यह संस्थान मरीजों को रोबोटिक सर्जरी, न्यूरो सर्जरी और रेडिएशन थेरेपी जैसे उन्नत चिकित्सा उपचार प्रदान कर रहा है. उन्होंने एम्स ऋषिकेश में हेली-एम्बुलेंस सेवाओं के उद्घाटन पर भी प्रकाश डाला. मुख्यमंत्री ने यह भी उजागर किया कि आज उत्तराखण्ड में 5,000 से अधिक ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त हैं. उन्होंने कहा कि सरकार राज्य के प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने और राज्य में जन औषधि केंद्रों के नेटवर्क का विस्तार करने के लिए काम कर रही है.