Private School Guideline: प्राइवेट स्कूलों की मनमानी से बच्चे और पालक परेशान हैं. स्कूल से ही किताब, यूनिफॉर्म के साथ कॉपी, जूते और मौजे खरीदना अनिवार्य कर मनमाने फीस वसूल जा रहे हैं. इस पर लगाम लगाने राजस्थान सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की है. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने प्राइवेट स्कूलों के लिए और सामग्रियों की खरीद पर लगाम लगाने लिए नियम जारी किया है. इससे पालकों को बड़ी राहत मिली है.
प्राइवेट स्कूल के लिए स्टडी मेटेरियल और यूनिफॉर्म के लिए जारी की गई गाइडलाइन अभिभावकों के लिए बहुत बड़ी राहत है. हालांकि अभिभावकों ने प्राइवेट स्कूल के मनमाने फीस को लेकर भी सरकार से गुहार लगाई है, लेकिन सरकार ने इस पर किसी तरह की अब तक गाइडलाइन जारी नहीं की है.

ये हैं प्राइवेट स्कूल के लिए शिक्षा विभाग की गाइडलाइन
1. प्राइवेट स्कूल केवल बोर्ड द्वारा अप्रूव किये गए किताबों का ही उपयोग करेंगे. जो किताबें स्कूल में चलाई जाएंगी उसकी एक सूची तैयार की जाएगी, जिसमें किताबों की सूची के साथ उसके लेखक, प्रकाशक और उस किताब का मूल्य भी अंकित करना होगा. यह सूची नोटिस बोर्ड और वेबसाइट पर लगाना होगा.
2. प्राइवेट स्कूल अब बच्चों और अभिभावकों पर स्कूल से किताबें और स्टडी मेटेरियल खरीदने का दबाव नहीं बनाएंगे. बच्चे खुले बाजार से अपनी सुविधा के मुताबिक किताबें और कॉपियां खरीद सकते हैं.
3. प्राइवेट स्कूल में चलने वाले स्टडी मेटेरियल पर स्कूल का नाम अंकित नहीं किया जाएगा. किसी विशेष दुकान से किताबें और मेटेरियल खरीदने का भी दबाव प्राइवेट स्कूल नहीं बना सकता है. स्कूल परिसर में दुकान लगाकर अभिभावकों और बच्चों पर स्टडी मेटेरियल खरीदने का दबाव नहीं बनाया जाएगा.
4. प्राइवेट स्कूल बच्चों और अभिभावकों को निर्धारित यूनिफॉर्म, टाई, जूते स्कूल से खरीदने का दबाव नहीं बना सकते हैं. यूनिफॉर्म खुले बाजार में खरीदने के लिए स्वतंत्र होंगे. यह सुनिश्चित करना होगा कि यूनिफॉर्म कम से कम तीन विक्रेताओं के पास उपलब्ध हों.
5. प्राइवेट स्कूल किताबें और यूनिफॉर्म को 5 वर्षों तक बदल नहीं सकते हैं. यह लगातार 5 सालों तक अपरिवर्तित होंगी.
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