Nashik Illegal Dargah Demolished Video: नाशिक के अवैध दरगाह पर बुलडोजर (Bulldozer ) चल गया है। आज सुबह-सुबह प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर दरदगाह के अवैध हिस्सों को जमींदोज कर दिया। कार्रवाई के दौरान जिला प्रशासन ने काफी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की थी। इस दौरान दरगाह की तरफ जाने वाली सड़कों को सील कर दिया गया था।
दरगाह के आसपास तीनों तरफ के सड़क पर पुलिस तैनात की गई है और किसी भी बाहरी व्यक्ति या गाड़ी को अंदर आने नहीं दिया गया। पुलिस वैन लगाकर सड़क को बैरिकेड किया गया। दरगाह कमेटी का कहना है कि पीर बाबा की यह दरगाह 350 साल पुरानी है। वहीं सकल हिंदू समाज ने इसे ध्वस्त कर यहां हनुमान मंदिर बनाए जाने की मांग की है।
बता दें कि महाराष्ट्र के नासिक में अवैध दरगाह निर्माण हटाने को लेकर मंगलवार की रात इसको लेकर बवाल हो गया था। शहर के काटे गली इलाके में रात के समय पथराव की घटना हुई थी। इसमें 31 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। 57 संदिग्ध बाइकों जब्त की गई हैं। पुलिस ने 15 लोगों को अरेस्ट किया है। बताया जाता है कि दरगाह को लेकर फैली अफवाह के चलते भीड़ भड़क गई, जिसके बाद बिजली कट होने का फायदा उठाकर भीड़ ने पथराव कर दिया। जिस वक्त बवाल हुआ तब भीड़ की संख्या 400 से ज्यादा थी और रात में 500 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी।
भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का उपयोग किया. जिसके बाद भीड़ तितर-बितर हुई। बताया जा रहा है कि नगर निगम के नोटिस के बाद एक टीम दरगाह पर हुए अवैध निर्माण को हटाने पहुंची थी। इसी बीच अफवाह फैल गई कि दरगाह की ढहाया जा रहा है। इसी पर भीड़ उग्र हो गई और पथराव कर दिया। भीड़ द्वारा की गई पथराव की घटना में 2 सहायक पुलिस आयुक्त समेत 31 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। पथराव करने वाली भीड़ में से 15 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है।
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क्या है पूरा मामला ?
नगर निगम ने नाशिक के काठे गली सिग्नल क्षेत्र में सातपीर दरगाह को नोटिस जारी किया था। निगम ने 15 दिन के भीतर अतिक्रमण हटाने पर कार्रवाई की बात कही थी। नोटिस में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार सातपीर दरगाह अनधिकृत है। निगम की ओर से दरगाह की दीवार पर यह नोटिस लगा दिया गया था। इसके बाद भी मुस्लिम पत्र मानने को राजी नहीं है।
बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर की गई थी याचिका
सातपीर दरगाह ट्रस्ट की ओर से बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई। सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया कि यह दरगाह अनधिकृत है। इसके बाद नगर निगम ने नोटिस जारी कर 15 दिन के भीतर सभी अनधिकृत निर्माण हटाने के निर्देश दिए थे।
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