अजय नीमा, उज्जैन. महाकाल मंदिर समिति अब नई नियुक्तियों से पहले पुलिस वेरिफिकेशन कराएगी. पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने मंदिर प्रशासक को पत्र लिखकर इस प्रक्रिया को अनिवार्य करने की सिफारिश की है.
यह फैसला श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और हाल ही में सामने आए धोखाधड़ी के मामलों की पुनरावृत्ति रोकने के उद्देश्य से लिया गया है. बीते दिनों दर्शन और भस्म आरती के नाम पर अवैध वसूली और ठगी के मामलों में कुछ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. जिनमें मंदिर और आउटसोर्स कंपनियों के कर्मचारी भी शामिल थे.
श्रद्धालुओं की आस्था से कोई समझौता- SP
इस मामले में पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने महाकाल मंदिर एक पवित्र धार्मिक स्थल है और यहां आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की आस्था के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता. कर्मचारियों की पृष्ठभूमि की जांच से यह सुनिश्चित होगा कि मंदिर परिसर में विश्वसनीय और ईमानदार लोग ही कार्यरत रहें.
आपराधिक रिकॉर्ड की होगी जांच
बात दें कि नए कर्मचारियों का चयन करते समय उनके खिलाफ किसी भी तरह के आपराधिक रिकॉर्ड की जांच की जाएगी. इससे यह सुनिश्चित होगा कि केवल उस व्यक्ति को ही काम में रखा जाए, जिसके पास कोई आपराधिक इतिहास न हो और जो ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सके।.
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