हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्यप्रदेश विधानसभा की कार्यवाही का लाइव प्रसारण किया जाए या नहीं, इस पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। इस मामले में कसरावद विधायक सचिन यादव और सरदारपुर विधायक प्रताप ग्रेवाल ने इंदौर हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई थी।

यह याचिका अधिवक्ता विभोर खंडेलवाल और जयेश गुरनानी के जरिए लगाई गई। याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने 2020 में एक ई-विधान एप शुरू किया था, जिसके तहत सभी राज्यों की विधानसभाओं को डिजिटल किया जाना था। देश के कई राज्यों ने अब तक यह प्रक्रिया पूरी कर ली है, लेकिन मध्यप्रदेश में अब तक विधानसभा की कार्यवाही का लाइव प्रसारण शुरू नहीं हुआ। याचिका में यह भी बताया गया है कि केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश को डिजिटल विधानसभा बनाने के लिए 21 करोड़ रुपये भी दिए हैं, लेकिन इसके बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में सुनवाई

जनहित याचिका में यह मांग की गई है कि जब जनता अपने चुने हुए नेताओं को वोट देती है, तो उन्हें यह जानने का भी हक है कि वे विधानसभा में क्या सवाल पूछ रहे हैं, कौन से मुद्दे उठा रहे हैं और उनका प्रदर्शन कैसा है। अगर लाइव प्रसारण शुरू होता है, तो लोग अपने नेताओं की काम करने की शैली को खुद देख सकेंगे। हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है और जवाब मांगा है।

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