Rajasthan News: राजस्थान के जैसलमेर में शनिवार को जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा समिति) की बैठक को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने बैठक की प्रक्रिया और जैसलमेर कलेक्टर प्रताप सिंह नाथावत की भूमिका पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

बाड़मेर-जैसलमेर से सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को संबोधित करते हुए सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा “जैसलमेर कलेक्टर जबरन दिशा समिति की बैठक करवा रहे हैं, जबकि मैंने उन्हें सूचित किया था कि मैं अन्य राज्य में संसदीय दौरे पर हूं और मेरे लौटने के बाद बैठक की जाए। लेकिन कलेक्टर ने जोधपुर सांसद के दबाव में बैठक पहले ही आयोजित कर दी।”

उन्होंने आरोप लगाया कि जिला कलेक्टर एक राजनीतिक पार्टी के प्रवक्ता की तरह व्यवहार कर रहे हैं, जो संविधान की भावना के विरुद्ध है। बेनीवाल ने बैठक को तत्काल स्थगित करने और दिशा समिति की गंभीरता बनाए रखने की मांग की है।
गजेंद्र सिंह शेखावत का पलटवार “कांग्रेस की पाठशाला में नए छात्र हैं”

सांसद बेनीवाल के आरोपों पर जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा “बैठक की सूचना 21 दिन पहले ही जिला प्रशासन को भेज दी गई थी। नियमानुसार सांसद को 15 दिन पूर्व सूचना दी गई थी, जिसे वह चुपचाप जेब में रखकर घूमते रहे।”

उन्होंने कहा कि अगर उम्मेदाराम बेनीवाल ने समय रहते संपर्क किया होता, तो बैठक को टाला जा सकता था। शेखावत ने तंज कसते हुए कहा कि वो अभी-अभी कांग्रेस में शामिल हुए हैं, और उसी की पाठशाला में प्रशिक्षण ले रहे हैं। उनकी प्रतिक्रिया से कांग्रेस की राजनीतिक शैली झलकती है।

यह विवाद एक बार फिर राजनीतिक और प्रशासनिक तालमेल पर सवाल खड़े करता है, खासकर ऐसे मामलों में जहां सांसद और प्रशासन के बीच समन्वय आवश्यक होता है। दिशा समिति जैसी संस्थाओं की प्रभावशीलता तभी बरकरार रह सकती है जब सभी संबंधित पक्ष संविधानिक मर्यादा और पारदर्शिता का पालन करें।

पढ़ें ये खबरें