जाजपुर : ओडिशा के जाजपुर जिले की एक फास्ट ट्रैक विशेष अदालत ने आज एक दंपति को कुछ साल पहले अपनी गर्भवती नाबालिग बेटी की हत्या करने के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने दोषियों पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। तीन गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर फैसला सुनाया गया।

आरोपी माता-पिता, नकुल जेना और संजू जेना को अपनी 15 वर्षीय बेटी की गर्भावस्था का पता चलने के बाद उसकी हत्या करने का दोषी पाया गया। यह घटना 2016 में बिंझारपुर पुलिस सीमा के अंतर्गत लक्ष्मी नारायणपुर में घटित हुई थी।

नकुल को उसके गांव की एक महिला द्वारा पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के बाद गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ के दौरान उसने हत्या की बात कबूल कर ली थी।

जांच में पता चला कि पीड़िता रानू, जो स्थानीय स्कूल में दसवीं कक्षा की छात्रा थी, एक विवाहित व्यक्ति के साथ रिश्ते में थी और अपने माता-पिता के कड़े विरोध के बावजूद वह लगातार उसके संपर्क में थी। जब उसने अपने प्रेम संबंध के प्रति उनकी अस्वीकृति पर ध्यान नहीं दिया, तो उसके पिता नकुल ने उसे मारने का फैसला किया।

जब वह सो रही थी तो उसने उसका गला घोंटकर हत्या कर दी। पुलिस ने मीडियाकर्मियों को बताया कि अगले दिन पीड़िता के परिवार के सदस्यों ने चुपके से उसके शव का अंतिम संस्कार कर दिया और उसके जले हुए अवशेषों को पास की नदी में फेंक दिया।

बाद में जांच में नकुल की पत्नी संजू की अपराध में संलिप्तता सामने आई थी।