अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ(Pete Hagseth) पर यमन में हूती विद्रोहियों के खिलाफ चल रहे सैन्य अभियान से संबंधित संवेदनशील जानकारी लीक करने का आरोप लगाया गया है. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने सिग्नल मैसेजिंग ऐप के माध्यम से ‘यमन युद्ध की गुप्त योजना’ को अपनी पत्नी जेनिफर राउचेट हेगसेथ, भाई फिल हेगसेथ और निजी वकील टिम पार्लटोर समेत लगभग एक दर्जन लोगों के साथ साझा किया है.

AAP नहीं लड़ेगी दिल्ली मेयर चुनाव, आतिशी बोली- तोड़फोड़ की राजनीति BJP को मुबारक, चलाएं ट्रिपल इंजन सरकार

आरोप है कि पीट हेगसेथ ने यमन के हूती विद्रोहियों के खिलाफ अमेरिकी सैन्य हमले से संबंधित संवेदनशील जानकारी को सिग्नल पर लीक किया है, जो एक गंभीर मामला है. उन्होंने यह जानकारी एक निजी सिग्नल ग्रुप में साझा की, जिसमें उनकी पत्नी जेनिफर राउचेट हेगसेथ, भाई फिल हेगसेथ और निजी वकील टिम पार्लटोर सहित लगभग एक दर्जन लोग शामिल थे. इस ग्रुप का नाम Defense Team Huddle है, जिसे हेगसेथ ने जनवरी 2025 में स्थापित किया था. उल्लेखनीय है कि इस चैट के लिए हेगसेथ ने सरकारी डिवाइस के बजाय अपने निजी फोन का उपयोग किया.

यह जानकारी दी जानी चाहिए कि मार्च में सिग्नल से संबंधित यह मामला पहली बार उजागर हुआ था, जब हूती विद्रोहियों पर अमेरिकी हमले की योजना एक चैट में लीक हुई थी. द अटलांटिक पत्रिका के संपादक जेफ्री गोल्डबर्ग को गलती से एक सिग्नल ग्रुप चैट में शामिल कर लिया गया था.

झारखंड में 8 नक्सली ढेर, सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में एक करोड़ इनामी विवेक दस्ते को भी मार गिराया

ट्रंप प्रशासन के उच्च अधिकारियों ने यमन में हूती विद्रोहियों पर हमले की गुप्त योजना बनाने के लिए एक मैसेजिंग ऐप पर एक समूह स्थापित किया था. इस समूह में अत्यंत संवेदनशील जानकारी का आदान-प्रदान किया जा रहा था, जैसे कि अमेरिका का अगला हमला कब होगा, यह किस समय पर और किन हथियारों का उपयोग करके किया जाएगा. गड़बड़ी तब हुई जब अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वॉल्ट्ज ने मैसेजिंग ऐप Signal पर The Atlantic पत्रिका के संपादक जेफरी गोल्डबर्ग को जोड़ने के लिए एक अनुरोध भेजा. इस समूह में अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ, विदेश मंत्री मार्को रुबियो, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वॉल्ट्ज, और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक सहित कई उच्च पदस्थ अधिकारी शामिल थे.

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत पहुंचे, एयरपोर्ट पर पत्नी-बच्चों संग पारंपरिक नृत्य देखा; अक्षरधाम मंदिर के लिए रवाना

गोल्डबर्ग ने बताया कि 11 मार्च को उन्हें माइकल वॉल्ट्ज नामक एक उपयोगकर्ता से सिग्नल पर कनेक्शन अनुरोध प्राप्त हुआ. सिग्नल एक ओपन-सोर्स एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग सेवा है, जो पत्रकारों के बीच काफी लोकप्रिय है. गोल्डबर्ग ने कहा कि शुरुआत में उन्हें यह समझ में नहीं आया कि यह माइकल वॉल्ट्ज वास्तव में ट्रंप प्रशासन के एनएसए वॉल्ट्ज हैं. उन्होंने पहले भी उनसे मुलाकात की थी, लेकिन उन्हें लगा कि किसी अन्य व्यक्ति ने उन्हें इस नाम से जोड़ा है. बाद में उन्हें यह एहसास हुआ कि वे ट्रंप की कैबिनेट के सदस्यों के इस समूह से जुड़े हुए हैं.

उन्हें सूचित किया गया कि दो दिन बाद शाम 4.28 बजे उन्हें एक नोटिस प्राप्त हुआ, जिसमें बताया गया कि वे Houthi PC small group नामक सिग्नल चैट ग्रुप में शामिल किए गए हैं. इस ग्रुप में शामिल होने के बाद एक संदेश भेजा गया, जिसमें कहा गया कि हूती विद्रोहियों पर हमले के लिए इस ग्रुप के माध्यम से समन्वय किया जाएगा.

50 सर्टिफिकेट और 10 मेडल… फिर भी दिल्ली यूनिवर्सिटी की टॉपर बेरोजगार, LinkedIn पर पोस्ट कर सुनाई अपनी दास्तां

गोल्डबर्ग ने The Atlantic पत्रिका में एक लेख लिखा, जिसमें उन्होंने उल्लेख किया कि 15 मार्च को यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर बमबारी होने से दो घंटे पहले ही उन्हें हमले की संभावना का पता चल गया था. रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने सुबह 11.44 बजे इस समूह को युद्ध योजना भेज दी थी.

जब ट्रंप से इस विषय पर प्रश्न किया गया, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. इसके साथ ही, उन्होंने द अटलांटिक पर व्यंग्य करते हुए कहा कि वह इसके प्रशंसक नहीं हैं और उनके लिए अटलांटिक एक ऐसी पत्रिका है जो जल्द ही बंद होने वाली है.