कुंदन कुमार, पटना. बिहार पुलिस लगातार साइबर अपराधियों पर शिकंजा कर रही है. साइबर थाने की पुलिस ने कल सोमवार को तीन साइबर अपराधियों से पूछताछ के बाद उन्हें जेल भेज दिया. लखीसराय के बारिया के रहने वाले कुणाल कुमार सहरसा के सुगम राज और गोपालगंज की विवेक प्रकाश सिंह को जेल भेजा गया है. इनके पास से चार मोबाइल, आधार कार्ड, चेक बुक और स्कॉर्पियो बरामद की गई है.

बीजेपी नेता राहुल रंजन को पुलिस ने छोड़ा

स्कॉर्पियो का इस्तेमाल कुणाल कर रहा था. इस पर क्राइम कंट्रोल एंड रिफॉर्म का बोर्ड लगा रखा था, जिसका आई कार्ड भी कुणाल के पास बरामद किया गया है. इस आर्गेनाइजेशन के बारे में पुलिस छानबीन कर रही है. वहीं, भाजपा के मोकामा नगर अध्यक्ष राहुल रंजन से पूछताछ के बाद बांड भरवा कर उन्हें छोड़ दिया गया है.

7 लाख से ज्यादा की ठगी

आपको बता दें कि यह लोग लगातार राजधानी पटना सहित आसपास के जगह में साइबर अपराध कर रहे थे. साइबर अपराध कर के अपराधियों ने 7 लाख से ज्यादा रुपए ठगे थे, जिसका प्रमाण साइबर थाने को मिला था. पुलिस को कई साइबर क्राइम में भी इन लोगों पर संदेह है, जिसका छानबीन किया जा रहा है.

मामले का खुलासा उस समय हुआ, जब पाटलिपुत्र स्टेशन के पास देश प्रेमी होटल में स्कॉर्पियो से कुछ लोग आए और उनके स्कॉर्पियो पर क्राइम कंट्रोल लिखा था. इसके बाद पुलिस ने वहां छापेमारी की और लखीसराय के कुणाल को पकड़ा. कुणाल और उसके चालक की निशानदेही पर डाक बंगला चौराहा के पास स्थित होटल लिली में छापामारी की गई, जहां पुलिस विवेक प्रकाश सिंह और शुभम राज को गिरफ्तार किया गया. शुभम के पास से पुलिस ने 5 करोड़ का एक करंट अकाउंट भी बरामद किया है. यह अकाउंट सिवान के निशु कुमार के नाम पर खुला है. पुलिस निशु के बारे में भी पता कर रही है.

आरोपियों ने लिया आरा के विकास का नाम

गिरफ्तार आरोपियों ने कहा कि, वह लोग आरा के विकास के कहने पर काम कर रहे हैं. विकास ने ही गेमिंग एप बनवाया था. साइबर थाने की पुलिस विकास को खोजने के लिए लगातार छापामारी कर रही है. अब देखना यह है कि गेमिंग एप के बहाने जो लोग साइबर अपराध कर रहे थे, उनका नेटवर्क बिहार में कहां-कहां फैला है और कितने लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर पाती है?

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