लक्षिका साहू, रायपुर। नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी के सोनिया गांधी, राहुल गांधी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किए जाने को कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने मोदी सरकार की प्रतिरोध की राजनीति करार दिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह केस इसलिए किया गया है, ताकि कांग्रेस पार्टी बुलंदी से लड़े न. यह सिर्फ छवि बिगाड़ने के लिए किया गया है. बिहार के चुनाव से पहले मुद्दा भटकाने के लिए कुछ चाहिए, इसलिए यह किया जा रहा है. यह भी पढ़ें : दादा की डेयरिंग : घर से बच्चे को मुंह में दबाकर ले जा रहा था तेंदुआ, दादा ने जान पर खेलकर पोते की बचाई जान 

कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत नेशनल हेराल्ड मामले में रायपुर में आज प्रेस वार्ता में कहा कि ब्रिटिश हुकूमत उतना ही नेशनल हेरeल्ड चिढ़ती थी, जितना मोदीजी चिढ़ते हैं. पिछले ग्यारह सालों में ईडी विपक्ष के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. महात्मा गांधी, सरदार पटेल और तब के बड़े नेता से मिली प्रेरणा से नेशनल हेराल्ड की शुरुआत हुई.

उन्होंने बताया कि एसोसिएशनट जनरल लिमिटेड (AJL) का कर्ज बढ़ता गया, और एक वक्त के बाद नेशनल हेराल्ड छापना बंद हो गया. 100 बैंक ट्रांजेक्शन और चेक के माध्यम से तब कांग्रेस ने AJL को 90 करोड़ का लोन दिया. इस लोन से कर्मचारियों को पीएफ, सैलरी और अन्य चीजों का भुगतान किए गए है.

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस पार्टी कैसे पैसा दे सकती है, यह सवाल किया जाता है. इलेक्शन कमीशन की बेंच ने 2012 में इस संबंध में फैसला दिया था. ये रूल किया था कि कांग्रेस पैसा दे सकती है. डेब्ट को इक्विटी में कन्वर्ट करना बहुत सामान्य बात है जो मोदी जी हर दिन करते होंगे. इन इक्विटी यंग इंडिया के पास AJL का कुछ नहीं गया. कम्पनीज एक्ट के तहत यंग इण्डियन एक कंपनी है ,जो नॉट फॉर प्रॉफिट (सेक्शन -25) है, यानी इससे कोई पैसे नहीं बनाया जा सकता है.

सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी, ऑस्कर फर्नांडीज, मोतीलाल वोरा यंग इंडिया के शेयर होल्डर हुए. यंग इंडिया ने AJL पर कोई कब्जा नहीं किया, ये AJL के 761 शेयर होल्डर हैं. 5 हजार करोड़ की प्रॉपर्टी का झूठ बीजेपी बोलती है, लेकिन इसी सरकार के IT ने 369 करोड़ की प्रॉपर्टी बताई है. ईडी ने इस मामले में 2015 में मोदीजी की सरकार से कहा कि ये मनी लाउंड्रिंग का केस नहीं है. एक पैसे का लेन-देन नहीं है, फिर भी ED ने मामला दर्ज कराया था.

2013 से 2020 तक सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कवायद की, बाद में उन्होंने हाई कोर्ट से स्टे ले लिया था. 2021 में सरकार ने मामले में केस दायर किया. 10 अप्रैल 2024 को ट्रिब्यूनल ने कहा कि एक साल में चार्जशीट दायर नहीं किया गया तो केस रद्द कर दिया जाएगा. आनन-फानन में 9 अप्रैल 2025 को मोदी सरकार ने चार्जशीट दायर किया.

उप मुख्यमंत्री अरुण साव पर साधा निशाना

पत्रकार वार्ता के दौरान राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कांग्रेस पार्टी को बैंक कहने पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आशा करती हूँ राज्य के डिप्टी सीएम पढ़े लिखे हो,आर्थिक मामलों के जानकार हों, क्योंकि इलेक्शन कमीशन को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं. बता दें अरुण साव ने बयान दिया था कि राजनीतिक पार्टियां कोई बैंक नहीं हैं, जो लोन दे.