जगदलपुर। बस्तर संभाग में बिजली विभाग (CSEB) के सामने भारी बकाया राशि एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी है। संभाग के शासकीय और निजी संस्थानों पर कुल 201 करोड़ रुपये का बिजली बिल बकाया है, जिसे अब तक जमा नहीं किया गया है। इसको लेकर बिजली विभाग ने अब सख्त रुख अपनाते हुए चरणबद्ध तरीके से डिफॉल्टर उपभोक्ताओं के कनेक्शन काटने की कार्रवाई शुरू कर दी है।

शासकीय विभागों पर सबसे ज्यादा 140 करोड़ रुपये है बकाया

सीएसईबी के अधिकारी सहदेव ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि बकायादारों को समय-समय पर नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन भुगतान की प्रक्रिया बेहद धीमी रही। आंकड़ों के मुताबिक, शासकीय विभागों पर सबसे ज्यादा 140 करोड़ रुपये, जबकि निजी संस्थानों पर 61 करोड़ रुपये का बिल बाकी है।

शासकीय विभागों की ओर से यह दलील दी जा रही है कि उन्हें बजट की स्वीकृति मार्च के बाद ही मिलती है, इसलिए समय पर भुगतान नहीं हो पा रहा। हालांकि, शासन स्तर से सभी विभागों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे तत्काल बिजली बिलों का भुगतान सुनिश्चित करें। कई विभागों को अंतिम चेतावनी भी दी जा चुकी है।

दूसरी ओर, निजी संस्थानों की बात करें तो इनमें प्राइवेट स्कूल, अस्पताल, फैक्ट्रियां और अन्य व्यावसायिक इकाइयां शामिल हैं, जिन पर भी बड़ी मात्रा में बिजली बिल बकाया है। विभाग का स्पष्ट कहना है कि अब किसी को भी ढील नहीं दी जाएगी, चाहे सरकारी संस्था हो या निजी, यदि समय पर भुगतान नहीं किया गया तो बिजली आपूर्ति काट दी जाएगी।

विभाग की इस सख्त कार्रवाई का असर आने वाले दिनों में बस्तर संभाग की सरकारी और निजी सेवाओं पर साफ नजर आ सकता है।

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